क्या फिर से बारूद के ढेर पर बैठ गया है इंदौर

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अर्जुन राठौर

ऐसा प्रतीत होता है कि इंदौर बारूद के ढेर पर फिर से जाकर बैठ गया है पिछले तीन-
चार दिनों में कोरोना का जो विस्फोट हो रहा है उसमें एक गंभीर चेतावनी छिपी हुई है लेकिन उसे पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है । लोगों को जैसे ही 2 महीने के लॉक डाउन से छूट मिली और वे घरों से बाहर निकले तो उन्होंने सोच लिया कि लॉक डाउन की छूट के साथ ही कोरोना भी चला गया है और जिस किस्म की लापरवाही शुरू हुई उसने इंदौर को वापस गंभीर स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है ।

लोग इस बात को सोचने के लिए तैयार ही नहीं है की छूट का मतलब यह नहीं है कि कोरोना समाप्त हो गया है सड़क के जो नजारे दिख रहे हैं वे बेहद चौकानेवाले हैं सब्जी वाले फल वाले बीच चौराहे पर ठेले लगा रहे हैं और बगैर मास्क लगाए चिल्ला चिल्ला कर सामान बेच रहे हैं लोग भी उनके ठेलो के आसपास इकट्ठे होकर सामान्य दिनों की तरह आराम से फल और सब्जियां खरीद रहे हैं कहीं कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं है । बाजार में जो दुकानें खुली है वहां के भी नजारे देख लीजिए कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए तैयार नहीं है लोग सामान्य दिनों की तरह भीड़ लगाकर सामान ले रहे हैं अगर ऐसे में कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाला व्यक्ति आ जाए तो उसे मूर्ख समझ लेते हैं और कहते हैं कोरोना से इतना डरने की जरूरत नहीं है यहां तक की दुकानदार तक कह देते हैं भैया हमको कोरोना नहीं है इतना डरो मत । नोटों के लेनदेन में कोई भी सैनिटाइजर का उपयोग नहीं कर रहा है बेहद असुरक्षित ढंग से ग्राहक नोट दे रहे हैं और इतने ही असुरक्षित तरीके से दुकानदार भी बचे हुए पैसे लौटा रहे हैं ।

बाजार को देखकर और लोगों को देखकर ऐसा लगता ही नहीं कि कोरोना संक्रमण के कारण इंदौर एक बार बेहद खराब स्थिति में फंस चुका है । प्रशासन और जागरूक लोगों की जो मेहनत इंदौर में हुई थी उस पर पूरी तरह से पानी फेरने पर लोग आमादा हो गए हैं हाल ही में यह बात भी सामने आई कि सब्जी की दुकान, किराना दुकान और मेडिकल स्टोर से सबसे ज्यादा कोरोना फैल रहा है लेकिन इसके बावजूद इन तीनों ही स्थानों पर लोगों की जो भीड़ टूट रही है वह आश्चर्यचकित कर देती है।

सब्जी वाले तो सरेआम बगैर मास्क लगाएं चिल्ला चिल्ला कर सब्जियां बेचते हैं अगर इसमें से कोई कोरोना संक्रमित है तो वह तो सारी सब्जियों और फलों को भी अपने चिल्लाने से संक्रमित कर रहा है वह बड़ी आसानी से नोटों का लेन-देन भी कर रहा है और सब्जियां पैक करके थैलियों में लोगों को हाथों में पकड़ा भी रहा है अब ऐसे में लोगों को कौन समझाए कि यह सब कितना खतरनाक सिलसिला है ।

पूरे विश्व के जिन जिन देशों में कोरोना को काबू में लाया गया है वहां के नागरिकों ने कोरोना को लेकर बेहद समझदारी का परिचय दिया है तभी वहां पर इस की विदाई संभव हो सकी है कुल मिलाकर इंदौर में हालात बेहद गंभीर हैं और लोगों को खुद को ही समझना होगा कि आखिर वे इस बीमारी से कैसे बचे और जो बचाव के उपाय बताए गए हैं उनका भी सख्ती के साथ पालन करें ।