Hartalika Teej: पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता हैं कि सबसे पहले तीज का व्रत माता पार्वती ने भगवान शंकर के लिए रखा था तभी से इस व्रत की शुरुवात की गई। माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को रखा था। भगवान शिव का एक नाम हर है इसलिए इस व्रत का नाम हरतालिका पड़ा। हरतालिका तीज व्रत करने से स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।
हरतालिका तीज का शुरुवात 17 सितंबर रविवार को सुबह 11:08 बजे तृतीया तिथि से होगा। इसका समापन 18 सितंबर दोपहर 12:39 बजे तक होगा। तिथि के अनुसार 18 सितंबर को व्रत करना शुभ होगा। इस बार हरतालिका तीज पर ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा हैं। व्रत के दिन रवि और इन्द्र योग बन रहे है साथ ही चित्रा और स्वाती नक्षत्र का निर्माण हो रहा हैं।
साल में दो बार इस व्रत को किया जाता है जिसमे हरियाली तीज और हरतालिका तीज शामिल दोनों व्रत शामिल हैं। मान्यता हैं कि इस दिन व्रत रखने से और विधि-विधान के साथ पूजा करने से अखंड सौभाग्य का होने का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है। वहीं कुंवारी कन्याएं ये व्रत मनचाहा वर प्राप्त हो इसलिए रखती हैं।