औषधीय गुणों से युक्त जामुन का पौधा रोपकर मनाई हरियाली अमावस्या

Deepak Meena
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इन्दौर. एडवांस्ड आयुष वेलनेस सेन्टर, ग्रेटर ब्रजेश्वरी, पिपलियाहाना स्थित प्राकृतिक चिकित्सा उद्यान में जामुन का पौधा रोपकर हरियाली अमावस्या मनाया गया। हरियाली अमावस्या पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी दर्शाता है, इस पर्व पर वृक्षारोपण करने से जीवन के सारे कष्ट दोष दूर हो जाते हैं व सुख-समृद्धि का आगमन होता है। प्राकृतिक चिकित्सा उद्यान में लगे अन्य औषधीय फलों में आँवला, अमरूद, आम, केला, तुलसी सहित अन्य औषधीय गुणों से युक्त पौधे रोपे गये हैं, जिनमें फल लगना चालू हो गये हैं।

हरियाली उत्सव मनाते हुए प्राकृतिक चिकित्सा उद्यान में औषधीय गुणों से युक्त जामुन का पौधा रोपकर केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डाॅ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि, जामुन एक ऐसा पौधा है, जिसकी छाल, पत्ती व फल तीनों तत्व बीमारी के इलाज में काम आते हैं। आधुनिक जीवनशैली व अनियमित खान-पान से डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। वे आधुनिक दवाइयों का सेवन कर डायबिटीज को नियंत्रित करते हैं। आपने बताया कि, जामुन एक ऐसा फल है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी उपयोगी है। जामुन का फल, पत्तियाँ व छाल भी काफी हद तक रोगियों में डायबिटीज को नियंत्रित करने का कार्य करती हैं।

डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि, जामुन एक रसीला फल है जिसे खाने के बाद प्यास कम लगती है, स्किन को हाइड्रेट रखता है। जामुन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, विटामिन सी और भरपूर मात्रा में विटामिन बी जैसे थियामिन, राइबोफ्लेविन, फॉलिक एसिड, नियासिन, विटामिन बी6 आदि पाए जाते हैं। जामुन के सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, वजन घटाने में मददगार है, श्वास सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। कसैले गुण होने के कारण त्वचा से कील-मुहांसों को दूर कर सकता है। पोटैशियम की मात्रा भरपूर होने से दिल के लिए बेहद फायदेमंद होता है। जामुन में मैलिक एसिड, टैनिन, गैलिक एसिड, ऑक्सालिक एसिड और बेट्यूलिक एसिड की मौजूदगी के कारण हमारे शरीर को संक्रमण मुक्त करने में मदद करता है।इस अवसर पर जनसम्पर्क विभाग के पूर्व प्रेस अधिकारी डाॅ. भूपेन्द्र गौतम, राकेश यादव, दीपक उपाध्याय, डाॅ. विवेक शर्मा, डाॅ. जितेन्द्र कुमार पुरी, विनय पाण्डेय आदि उपस्थित रहकर इनके औषधीय गुणों के बारे में जाना।