PM Modi in Gwalior : चुनावी साल में लगातार भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं का मध्यप्रदेश में दौरा हो रहा है। ऐसे में आज एक बार फिर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के ग्वालियर पधारे हैं, जहां उन्होंने 19000 करोड रुपए की योजनाओं का शुभारंभ, शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में अपने संबोधन में पीएम मोदी विपक्ष पर जमकर हमला बोलते हुए नजर आए उन्होंने कहा कि, आज इतने विकास काम सामने आए हैं, जो कोई सरकार एक साल में भी नहीं कर सकती। इतनी बार पर्दे खुले कि आप ताली बजाकर थक गए होंगे। मोदी ने कहा कि मेरे परिवार जनों, धरतेरस-दीपावली से पहले मप्र के गरीब सवा दो लाख परिवार आज अपने नए घर में गृहप्रवेश कर रहे हैं। आज कनेक्टिवटी के प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ। प्रदेश के युवाओं के लिए हजारों रोजगार के अवसर बनने वाले हैं।
ग्वालियर के साथ विदिशा, कटनी, दमोह, नरसिंहपुर, शाजापुर को नए स्वास्थ्य केंद्र मिले। ये केंद्र आयुष्मान योजना के तहत बने हैं। प्रदेश के मेरे परिजनों को बहुत बधाई। साथियों ये इतने सारे काम हैं, ये डबल इंजिन के साझा प्रयासों का फल है। जब दिल्ली और भोपाल में जनता को समर्पित सरकार होती है, तो ये काम तेजी से होते हैं। डबल इंजिन यानी एमपी की डबल विकास। हमारी सरकार मप्र को देश के टॉप 100 में ले आई है. अब एमी को टॉप थ्री में ले जाएंगे। जनता से पूछा कि जाना चाहिए कि नहीं। ये काम कौन कर सकता है, ये गारंटी कौन दे सकता है। ये गारंटी एक जिम्मेदार नागरिक के नाते आपका ए वोट मप्र को टॉप तीन में ला सकता है। हर वोट ये साकार करेगा। मेरे परिजनों एमपी का विकास और लोग नहीं कर सकते।
मोदी ने कहा कि इन लोगों का एक ही काम है, देश की प्रगति से नफरत, अपनी नफरत में ये देश की उपलब्धियों को भी भूल जाते हैं। आज देखिए पूरी दुनिया भारत का डंका बज रहा है। आज दुनिया को भारत में अपना भविष्य दिख रहा है। लेकिन जिनको कुर्सी के सिवा कुछ नहीं दिखता उनको देश का डंका बजना अच्छा नहीं लगता। भारत 9 वर्षों में दसवें से नंबर से पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत बन गया है. पर ये विकासविरोधी लोग ये सिद्ध करने में जुटे हैं ऐसा हुआ ही नहीं है। सत्ताभूखे लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। विकास विरोधी लोगों को देश ने 6 दशक दिए थे। 60 साल कम नहीं हुए थे। उनके पास भी मौका था, नहीं कर पाए। तब भी मेरी भावनाओं से खेलते थे, आज भी वही खेल खेल रहे। वो आज भी जात-पात को बांटने का पाप कर रहे हैं। वो आज भी घोर भ्रष्टाचारी हो गए हैं। वो पहले भी एक परिवार का गौरवगान करते थे, आज भी एक ही परिवार में भविष्य देखते हैं। इसलिए वो विकास नहीं देख पाते।