20 जून से शुरू होगी गुरु की उलटी चाल, इस राशि पर पड़ेगा सबसे ज्यादा प्रभाव

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ज्योतिष में कुंडली में अनेक योग पाए जाते है, उनमें से एक है राशि परिवर्तन योग, जब दो ग्रह एक दूसरे की राशि में चले जाते है उसे राशि परिवर्तन योग कहते हैं। यह परिवर्तन ग्रहों, नक्षत्रों तथा राशियों में से किसी का भी हो सकता हैं। यदि ग्रह शुभ हैं तथा केंद्र या त्रिकोण में हैं तो यह राजयोग का निर्माण करता हैं, इसके विपरीत यदि ग्रह नीच का हो या अस्त हो तो परिणाम अच्छे नहीं होते।

यदि यह परिवर्तन योग शुभ होता हैं तो दोनों ग्रहों का बल महादशा व अन्तर्दशा आने पर बढ़ जाता हैं तथा यह बहुत फलदायक होता हैं, जिस प्रकार कुंडली में उच्च के ग्रह अच्छा परिणाम देते हैं उसी प्रकार यह परिवर्तन योग भी व्यक्ति को उच्चाइयों तक पहुचाने में सहायक होते हैं, इसी प्रकार का परिवर्तन योग नक्षत्रों में भी निर्मित होता हैं।

ज्योतिषों के अनुसार, गुरू ग्रह 20 जून को शनि की राशि कुंभ में उल्टी चाल चलने वाला है, और इस स्थिति में गुरू 120 दिनों तक रहने वाला है। वैदिक ज्योतिष की मानें तो गुरू को सबसे अधिक लाभकारी ग्रह माना गया है। ये ज्ञान, स्वतंत्रता, आध्यात्मिकता और इनसे मिलते जुलते गुणों को नियंत्रित करते हैं। बता दे, गुरू को शुभ फल देने वाला ग्रह माना गया है। इतना ही नहीं इस ग्रह को देवी-देवताओं का भी गुरू माना गया है।

ये यह एक राशि में लगभग 1 वर्ष तक रहता है। और 12 राशियों का एक पूरा चक्र करने के लिए इसे 13 वर्ष लग जाते हैं। दरअसल, गुरू ग्रह चार महीने वक्री चाल से राशियों का चक्क्र लगाते हैं। गुरू ग्रह को धनु और मीन राशि का स्वामी भी माना जाता है। वहीं दूसरी ओर इसे मकर राशि में नीच के और कर्क राशि में उच्च के माने जाते हैं।

बृहस्पति ग्रह 20 जून को अपने स्थान से ग्यारहवें भाव पर वक्री हो रहे हैं, मतलब यह मेष राशि वालों के लिए लाभकारी साबित होने वाला है। गुरू ग्रह का वक्री होने की वजह से मेष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आपको कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल होगी। इतना ही नहीं मान-सम्मान में वृध्दि योग बनेगें। रोजगार के नए अवसर तो प्राप्त होगें ही साथ ही अगर आप आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं तो आपकी आर्थिक समस्या का भी समाधान होगा।