गुरु-शनि की चाल और किसान आंदोलन

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कृष्णा गुरूजी (फाउंडर ऑफ़ अंतराष्ट्रीय डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग)

सौरमंडल यानी सोलर सिस्टम में आज एक बड़ी आकाशीय घटना देखने को मिलेगी। आज दो बड़े गृह यानी बृहस्पति और शनि एक दूसरे के बेहद करीब होंगे। जिसकी वजह आज इन्हे धरती से देखने पर ये दोनों एक ही ग्रह के समान दिखेंगे। इससे पहले ये दोनों गृह 17वीं शताब्दी में महान खगोलविद गैलीलियो के जीवनकाल में इतने पास आए थे।

आपको बता दे, अंतराष्ट्रीय डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग के फाउंडर कृष्णा गुरूजी ने बताया कि 21 दिसंबर 2021 की शाम को आप दक्षिण पश्चिम दिशा में दोनों विशाल ग्रहों को अपनी आंखो से देख सकते हैं। चुकी दोनों ग्रह 6 डिग्री के होंगे तो विशेष प्रभाव व्यक्तिगत नहीं डाल पाएंगे। लेकिन देश काल पर इसका प्रभाव अधिक होगा। जैसा की आप सभी को पता है दोनों ग्रह मकर राशि में पहले से ही प्रवेश कर चुके है। शनि 24 जन 2020 से गुरु 20 नवम्बर 2020 से है। गुरु अर्थात ज्ञान, शनि मतलब कर्म और मेहनत होता है।

इसका साक्षात उदाहरण किसान आंदोलन है जिसमें ज्ञान एवम मेहनत की लड़ाई हो रही है। गुरूजी ने बताया कि वह इसमें किसी को सही या किसी को गलत नहीं बता रहे है लेकिन कहीं ना कहीं इसका सीधा संबंध ग्रहों की चाल से भी हो रहा है। कह सकते है कि ज्ञान में भ्रम के कारण शासक एवम मेहनत कश धरती से जुड़े अन्नदाता के बीच लड़ाई मकर सक्रांति तक चल सकती है। वहीं दोनों ग्रह 6 डिग्री पर है। बता दे, 6 बुध का कारक है। आने वाले 6 दिनों में ये और उग्र भ्रम का कारण हो सकता है। चुकी शनि न्याय का ग्रह है तो इसमें कोर्ट का हस्तक्षेप जरूर होगा।

हमारे द्वारा लिए गए इंटरव्यू में कृष्णा गुरूजी से पूछा गया कि ये सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसान ही इस आंदोलन को क्यों कर रहे हैं? तो इसके जवाब में उन्होंने बताया कि कहीं ना कहीं पंजाब के लोग गुरु को मानने वाले हैं जिसकी वजह से ये लोग ज्यादा विरोध कर रहे हैं क्योंकि गुरु मकर राशि में नीच का प्रभाव देता है लेकिन चूंकि शनि भी साथ में है तो इस प्रभाव को सिर्फ एक आंदोलन तक सिमित रख रखा है। वहीं इन सब के बीच पीएम मोदी का गुरूद्वारे में विजिट 3 दिन पहले ये दर्शाता है कि कहीं ना कहीं ये गुरु के उपाय का एक माध्यम हो सकता हैं।