मध्य प्रदेश में गीता जयंती के अवसर पर एक ऐतिहासिक घटना घटी, जब 7 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने एक साथ गीता के तीसरे अध्याय ‘कर्म योग’ का सामूहिक पाठ किया। यह आयोजन बुधवार को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ, और इस आयोजन ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
7,000 प्रतिभागियों ने किया सामूहिक गीता पाठ
इस कार्यक्रम में 7,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए, जिनमें 3,721 आचार्य और बटुक भी थे। कार्यक्रम का आयोजन सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुआ, और गीता के तीसरे अध्याय का पाठ लगभग 9 मिनट तक चलता रहा। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एजुकेटर विश्वनाथ ने इस सामूहिक पाठ को विश्व रिकॉर्ड के रूप में घोषित किया, और इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट सौंपा गया।
कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य की 1.28 करोड़ “लाडली बहनों” के बैंक खातों में एक क्लिक से 1250 रुपए ट्रांसफर किए। इसके अलावा, 55 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों को भी 334 करोड़ रुपए का ट्रांसफर किया गया।
उज्जैन में भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के चौथे दिन सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेजों, स्कूलों और संस्कृत विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, आचार्यों और बटुकों ने गीता का पाठ किया। सुबह 11 बजे शुरू हुआ यह पाठ दोपहर 12 बजे तक चला, जिसमें 5,108 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
‘किसी पूजा पद्धति से विरोध नहीं’
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि उनकी सरकार किसी पूजा पद्धति से विरोध नहीं करती। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन में 10,000 श्लोक पढ़े गए, और यह उस ऐतिहासिक घटना का पुनरावलोकन था, जब भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। मुख्यमंत्री ने गीता की शिक्षा और भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को प्रदेशवासियों के जीवन में फैलाने के महत्व को रेखांकित किया।
गीता के बारे में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गूगल के सर्च इंजन के जरिए दुनिया में गीता के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी प्राप्त की जा रही है। उनका कहना था कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके द्वारा दिए गए गीता के उपदेशों ने समूचे समाज को प्रेरणा दी है।
QR बैंड से रिकॉर्ड की गई गीता पाठ की गिनती
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए स्टेडियम में आए प्रत्येक आचार्य और प्रतिभागी को एक QR बैंड पहनाया गया, जिससे गीता पाठ करने वालों की गिनती की गई। इस बैंड में एक QR कोड था, जिसकी मदद से रिकॉर्ड की पुष्टि की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी उपस्थित थीं, जो इस सामूहिक पाठ में भाग लेने आई थीं।
गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का महत्व
गीता जयंती का पर्व हर साल मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के बाद मनाया जाता है। इस दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत भी किया जाता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों और गीता के महान संदेश को स्मरण करने का विशेष अवसर होता है।