लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की 45वीं बैठक हुई। बता दें कि, इस बैठक में पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान छह राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया। सीतारमण ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि पेट्रोल और डीजल को GST में शामिल करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। कई राज्यों ने कहा कि वे पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को GST में नहीं लाना चाहते हैं।
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सीतारमण ने कहा कि यह मुद्दा केरल हाईकोर्ट के ऑर्डर पर बैठक के एजेंडे में आया। काउंसिल ने माना कि यह पेट्रोलियम उत्पादों को GST में लाने का सही समय नहीं है। इसकी जानकारी केरल हाईकोर्ट को भी दी जाएगी। केरल हाईकोर्ट ने कुछ दिनों पहले कहा था कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने पर विचार करना चाहिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज्यादा इस्तेमाल की जाती हैं। ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं। ऐसी ड्रग्स को GST से छूट दी गई है। इसपर अब GST नहीं लगेगा। जोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं।
आपको बता दें कि, इस बैठक में 7 राज्यों के उप मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश के चौना मेन, बिहार के उप मुख्यमंत्री राज किशोर प्रसाद, दिल्ली के मनीष सिसोदिया, गुजरात के नितिन पटेल, हरियाणा के दुष्यंत चौटाला, मणिपुर के युमनाम जोए कुमार सिंह और त्रिपुरा के जिष्णु देव वर्मा शामिल हैं। इसके अलावा कई राज्यों के वित्त या भी मुख्यमंत्री की ओर से नामित मंत्री भी शामिल हुए हैं।