भोपाल से इंदौर तक बना ग्रीन कॉरिडोर, शिक्षक ने मृत्यु के बाद दो मरीज को दिया जीवनदान

Deepak Meena
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इंदौर: शिक्षक सिर्फ ज्ञान ही नहीं, जीवन भी बचाते हैं! यह सच सागर जिले के शिक्षक हरिशंकर धिमोले ने मृत्यु के बाद भी करके दिखाया। ब्रेन हेमरेज के बाद भोपाल में भर्ती धिमोले ने अपनी मृत्यु के बाद अंगदान कर दो लोगों को नया जीवन दिया।

54 वर्षीय धिमोले, जो पेशे से शिक्षक थे, ने हमेशा शिक्षा और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने मृत्यु के बाद भी लोगों की मदद करने का फैसला करते हुए अंगदान करने की इच्छा जताई थी।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किडनी पहुंची इंदौर:

शुक्रवार को धिमोले का निधन हो गया, जिसके बाद भोपाल में उनका अंगदान हुआ। उनकी एक किडनी भोपाल में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित की गई, जबकि दूसरी किडनी को 200 किलोमीटर दूर इंदौर के चोइथराम अस्पताल में ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

इंदौर में सफल किडनी प्रत्यारोपण:

दोपहर 12:30 बजे भोपाल से रवाना हुई एंबुलेंस 2:45 बजे इंदौर पहुंची। चार जिलों – इंदौर, देवास, सीहोर और भोपाल – की पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंदौर पहुंचने पर, डॉक्टरों ने तुरंत किडनी प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी।