वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के लिए समेकित राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 53 प्रतिशत बढ़कर 19,919 करोड़ रूपये पर पहुंचा। ईबीआईटीडीए पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 86 प्रतिशत बढ़कर 4,736 करोड़ रूपये रहा तथा पीएटी* पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 612 प्रतिशत बढ़कर 1,667 करोड़ रूपये पर पहुंचा।
वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के लिए स्टैंडअलोन/स्वचालित राजस्व 3,763 करोड़ रूपये, ईबीआईटीडीए 805 करोड़ रूपये तथा पीएटी 482 करोड़ रूपये हो गया. सभी में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में महत्वपूर्ण उछाल आया.
वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के लिए बंद संचालनों (फ़र्टिलाइज़र व्यवसाय) के कारण राजस्व तथा ईबीआइटीडीए क्रमशः 687 करोड़ रूपये तथा 56 करोड़ रूपये (वित्तीय वर्ष 21 की पहली तिमाही: 605 करोड़ रूपये तथा 72 करोड़ रूपये क्रमशः) रहा. फ़र्टिलाइज़र व्यवसाय के अनावरण की प्रक्रिया के वित्तीय वर्ष 22 की दूसरी तिमाही तक पूरा हो जाने की संभावना है.
कोविड-19 की दूसरी लहर ने आर्थिक गतिविधियों की गति को धीमा किया, जिसमें अब तेजी से सुधार हो रहा है. हालाँकि सरकार द्वारा वैक्सीनेशन (टीकाकरण) की गति को बढ़ाने और दूसरी लहर के मंद पड़ने के साथ अब अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार देखने को मिल रहा है.
विस्कोज़ बिजनेस-
वैश्विक स्तर पर टैक्सटाइल संबंधी मांग पर दूसरी लहर का असर पहली लहर जितना गंभीर नहीं रहा. वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही की अधिकांश अवधि के दौरान भारत ने व्यवसायिक गतिविधियों पर चुनिंदा प्रतिबंध देखा, जिसका असर टैक्सटाइल उत्पादों की बिक्री पर पड़ा जिससे आगे जाकर वैल्यू चेन में स्टॉक का खासा ढेर इकट्ठा हो गया.
परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में वीएसएफ की बिक्री में क्रमिक रूप से पुनः वृद्धि दर्ज की गई. घरेलू टैक्सटाइल सेक्टर में मंदी के असर को सहारा देने के लिए कम्पनी ने एक्सपोर्ट के शेयर में वृद्धि की. यह वृद्धि वित्तीय वर्ष 21 की चौथी तिमाही के 11 प्रतिशत की तुलना में वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में 31 प्रतिशत की गई.
कुल मिश्रित बिक्री (सेल्स मिक्स) में वैल्यू एडेड उत्पादों का हिस्सा भी वित्तीय वर्ष 21 के औसत 22 प्रतिशत से वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में सुधरकर 26 प्रतिशत हो गया. घरेलू मात्रा में लॉकडाउन की वजह से आई मंदी के कारण कम्पनी ने हरिहर प्लांट के मेंटेनेंस शटडाउन को मई 21 तक बढ़ा दिया। मांग में कमी के कारण वीएफवाय की मात्रा पर भी असर पड़ा. लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद घरेलू फाइबर मांग में भी धीरे धीरे सुधार आया और अब एक कोविड के पूर्व के स्तर के करीब है.
चीन में वीएसएफ के दाम उनकी बहु वर्षीय उच्चता की वजह से वित्तीय वर्ष 21 की पहली तिमाही में सही रहे और वर्तमान के ~ 13,000 आरएमबी के स्तर पर स्थिर रहे. चीन का प्लांट्स में रखा वीएसएफ स्टॉक जून 21 में 24 दिन की अवधि तक बढ़ गया जबकि (मार्च-21) में यह 13 दिन की अवधि का था, जिसने चीनी वीएसएफ निर्माताओं को उत्पादन के स्तर में फिर से सामंजस्य बैठाने की ओर बढ़ने को मजबूर किया ताकि बढ़ते स्टॉक की समस्या पर ध्यान दिया जा सके और दामों में स्थिरता लाई जा सके. इसकी वजह से चीन में ओआर जून अंत तक गिरकर 69 प्रतिशत पर आ गया.
कैमिकल बिजनेस:
कोरोना की दूसरी लहर ने कैमिकल व्यवसाय के कार्य संचालन के प्रदर्शन पर बहुत कम प्रभाव डाला।
अंतर्राष्ट्रीय कास्टिक सोडा के दामों ने वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में चढ़ाव बरकरार रखा. इसके पीछे मेंटेनेंस शटडाउन की वजह से आपूर्ति की कटौती और मांग में सुधार मुख्य वजह रही. घरेलू कास्टिक सोडा के दामों में हुई बढ़ोत्तरी, टैक्सटाइल, ऑर्गेनिक कैमिकल्स में मांग के कमजोर पड़ने तथा अत्यधिक आपूर्ति की स्थिति से नियंत्रित हो गई. इसके कारण वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन का स्तर 85 प्रतिशत दर्ज हुआ जो कि इस उद्योग के औसत से अधिक रहा.
एडवांस्ड मटेरियल व्यवसाय ने वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में मजबूत मांग की स्थिति तथा भारत सहित ग्लोबल स्तर पर बेहतर दामों का माहौल बनने के कारण अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया। यह मांग विंड और ऑटो सेगमेंट के चलते निरंतर बनी हुई है. मुख्य इनपुट कॉस्ट जैसे कि ईसीएच तथा बीपीए में तिमाही के दौरान सप्लाई में अवरोध के साथ ही महत्वपूर्ण वृद्धि भी दर्ज की गई.
पेंट व्यवसाय:
पेंट व्यवसाय में योजना के अनुरूप उन्नति हो रही है. विभिन्न राज्यों में प्लांट्स स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में है. इसके साथ ही प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग योजना भी आगे बढ़ रही है.
कैपेक्स (पूंजीगत खर्चे) योजना:
विलायत प्लांट पर वीएसएफ विस्तार (2 लाइंस 300 टीपीडी प्रत्येक) का काम निर्धारित योजना अनुसार शुरू होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में लाइन 1 तथा तीसरी तिमाही में लाइन 2 के प्रारम्भ होने की संभावना है. क्लोर-अल्कली व्यवसाय में रेहला प्लांट 91 केटीपीए तथा सीएमएस प्लांट 54. 8 केटीपीए के वित्तीय वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में आरम्भ होने की संभावना है, बीबी पुरम प्लांट (फेज़-1) 73 केटीपीए तथा विलायत प्लांट (फेज़-1) 73 केटीपीए के वित्तीय वर्ष 22 की दूसरी छमाही में प्रारम्भ होने की संभावना है और इस प्रकार वित्तीय वर्ष 22 के लिए कुल कैपेक्स (खर्च की जाने वाली पूँजी) 2,604 करोड़ रूपये पर पहुंच गई है (पेंट्स और फ़र्टिलाइज़र को छोड़कर)
सस्टेनबिलिटी/निरंतरता
वीएसएफ व्यवसाय को इसके विलायत प्लांट के लिए ईयू बैट अनुमति प्राप्त हो गई है और यहाँ सफलतापूर्वक कार्बन-डाइसल्फाइड एब्जॉर्प्शन प्लांट (सीएपी) प्रारम्भ कर दिया गया है तथा विस्कोज मेन्युफेक्चरिंग प्रक्रिया के लिए ईयू बैट (ईयू बेस्ट अवेलेवल टेक्नोलॉजीस BREFs) संदर्भ में दर्शाये गए सल्फर से वायु उत्सर्जन के लिए निर्धारित कड़े नियमों के आवश्यक स्तर को भी प्राप्त कर लिया गया है.
आदित्य बिरला रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एबीआरईएल) जो कि कम्पनी की पूर्ण स्वामित्व एक सब्सियडरी है, वह वित्तीय वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में 38 मेगावाट की नई क्षमता का प्रारम्भ करेगी। इस तरह वित्तीय वर्ष 22 व 23 में कुल 343 मेगावाट की नई क्षमता का शुभारम्भ होगा और इससे कुल क्षमता 845 मेगावाट पर पहुँच जाएगी।
कोविड- 19
कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर कम्पनी अपने कर्मचारियों और स्थानीय समुदायों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को निरंतर प्रमुखता दे रही है. कम्पनी ने अपने विभिन्न प्लांट्स व कॉर्पोरेट कार्यालयों में कर्मचारियों व उनके परिवारों के लिए एक वैक्सीनेशन अभियान प्रारम्भ किया, जो कि सुचारू रूप से जारी है.
सीमेंट सब्सिडियरी- अल्ट्रा टेक सीमेंट लिमिटेड:
वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के लिए अल्ट्रा टेक का समेकित राजस्व 54 प्रतिशत बढ़कर 11,830 करोड़ पर, ईबीआईटीडीए 49 प्रतिशत बढ़कर 3,512 करोड़ तथा पीएटी 114 प्रतिशत बढ़कर 1,703 करोड़ रुपये रहा। कंसोलिडेटेड बिक्री की मात्रा पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 47 प्रतिशत बढ़कर ~21.53 एमटीपीए पर रही।
अल्ट्राटेक ने वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के दौरान ऊर्जा, कच्चे माल तथा लॉजिस्टिक कॉस्ट में बढ़ोत्तरी के चलते पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में प्रोडक्शन कॉस्ट में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की.
ग्रीनफील्ड तथा ब्राउनफील्ड का मिश्रित विस्तार के जरिये अल्ट्राटेक का 19.5 एमटीपीए क्षमता विस्तार कार्यक्रम जारी है और इसके वित्तीय वर्ष 23 के अंत तक पूरा होने की संभावना है इससे कुल क्षमता का विस्तार 136.25 एमटीपीए का हो जायेगा।
वित्तीय सेवा प्रदाता- आदित्य बिरला कैपिटल लिमिटेड (एबीसीएल):
वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के लिए एबीसीएल का समेकित राजस्व, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में, 7 प्रतिशत बढ़कर 4,299 करोड़ रूपये तथा टैक्स पश्चात समेकित लाभ (मायनोरिटी ब्याज के बाद) पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 52 प्रतिशत बढ़कर 302 करोड़ रूपये हो गया है. यह सम्पूर्ण व्यवसाय में मजबूत वृद्धि के साथ कम्पनी द्वारा दर्ज उच्चतम त्रैमासिक समेकित लाभ है. एबीसीएल का फोकस स्केल बिल्ड करने, रिटेल बेस को बढ़ाने और निरंतर लाभप्रदता प्रदान करने पर है जिसने परिणामों को और अच्छा बनाया है. रिटेलीकरण की इस रणनीति ने एक सक्रिय कस्टमर बेस को पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ाते हुए ~ मिलियन पर पहुंचा दिया है.
एनबीएफसी तथा हाऊसिंग फायनेंस की लैंडिंग बुक वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में 57,182 करोड़ रूपये पर अटल रही है। वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में सकल भुगतान 2,553 करोड़ रूपये पर रहा.जून 21 में संवितरण 1,276 करोड़ रूपये रहा अर्थात इसने कोविड पूर्व के स्तर को लगभग छू लिया। वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में एनबीएफसी व्यवसाय के लिए नेट इंट्रेस्ट मार्जिन (फी इनकम को मिलकर) पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़कर 131 बीपीएस पर पहुंच गया.
असैट मैनेजमेंट में,घरेलू एएयूएम पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 28 प्रतिशत बढ़कर 2,75,454 करोड़ रूपये (वित्तीय वर्ष 22 पहली तिमाही) पर पहुंच गया. पीबीटी/एएयूएम वित्तीय वर्ष 21 की पहली तिमाही में 24 बीपीएस की तुलना में वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में बढ़कर 30 बीपीएस पर पहुंच गया.
जीवन बीमा में इंडिविजुअल प्रथम वर्ष प्रीमियम (एफवाईपी) वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के लिए पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5 प्रतिशत बढ़कर 325 करोड़ रूपये हो गया. रिन्युअल प्रीमियम पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 41 प्रतिशत बढ़कर वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में 1,092 करोड़ रूपये पर पहुंचा,जिसमें से 69 प्रतिशत डिजिटल कलेक्शनथा।
हेल्थ इंश्योरेंस व्यवसाय में, वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही के लिए ग्रॉस रिटन प्रीमियम पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 50 प्रतिशत बढ़ते हुए 368 करोड़ रूपये पर पहुँच गया. इस व्यवसाय द्वारा की गई 14.4 मिलियन ज़िंदगियों में से 10 मिलियन ज़िंदगियाँ माइक्रो या बाइट साइज उत्पादों के जरिये कवर की गईं.