आईएनडीआईए गठबंधन के दलों के बीच सीटों के सियासत की गाड़ी कुछ समय पहले जहां से स्टार्ट हुई थी अब तक वहां से आगे बढ़ ही नहीं पायी है। फिलहाल कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र में एनसीपी और शिवसेना यूबीटी, बिहार में राजद झारखंड में झामुमो तथा तमिलनाडु में द्रमुक के साथ गठबंधन का विकल्प दिखाई दे रहा है। आपको बता दें की गठबंधन के दलों के बीच सीटों के तालमेल फ़िलहाल कुछ ख़ास सही नहीं चल रहे हैं।
वास्तविक रूप में अब तक गठबंधन के दलों के बीच सीटों के तालमेल की सियासी गाड़ी पांच महीने पहले जहां से स्टार्ट हुई अब तक वहां से आगे नहीं बढ़ पायी है। आईएनडीआईए गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ एकजूट होकर एकला चलो की राह पर एकसाथ चलने की घोषणा कर रहे हैं। वहीँ दूसरी तरफ़ कुछ ने सत्तापक्ष की ओर छलांग मारते हुए पाला ही बदल दिया है।
जदयू के गठबंधन से अलग होने के बाद आईएनडीआईए के लिए अब मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। गठबंधन से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस ने भी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इस लिहाज से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए उम्मीद अब समाजवादी पार्टी ही है, जो अब भी आईएनडीआईए गठबंधन के साथ खड़ी है। इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी कांग्रेस को लगभग दर्जनभर लोकसभा सीटें देने के लिए भी तैयार है।