भोपाल। वन विभाग द्वारा तैयार किए जाने वाले ग्राफ्टेड पौधे प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने में मददगार होंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इन पौधों में महज तीन से चार वर्षों में ही फल आ जाते है और इनकी देखभाल के लिए भी बहुत अधिक नहीं करना पड़ेगी।
इसके लिए वन विभाग लंबे समय से प्रयोग कर रहा था। सामाजिक वानिकी में आंवला, नीबू, अमरूद आदि के ग्राफ्टेड पौधे तैयार किए जा रहे हैं। आगामी जून माह से इन पौधों की बिक्री शुरू की जाएगी। ग्राफ्टेड पौधे सामान्य पौधों की अपेक्षा बीमारियों व प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए अधिक प्रतिरोध विकसित करते हैं और इनके मरने की संभावना कम रहती है। इन्हें ज्यादा खाद-पानी की भी जरूरत नहीं होती है।
इससे इन पौधों के रखरखाव में कम लागत लगती है। इनमें फल, पत्तियों और फूलों में पाए जाने वाले अधिकांश गुण बरकरार रहते हैं। ग्राफ्टेड पौधों का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इन पौधों को गमले में लगाकर इनसे फल-फूल प्राप्त कि जाए सकते हैं। सामान्य पौधे सिर्फ सीजन आने पर ही फल देते हैं, जबकि ग्राफ्टेड पौधे सालभर फल देते हैं।