मंगलवार को महाराष्ट्र में मंदिर फिर से खोले जाने की मांग तेज़ हो गई है। श्रदालुओं ने मंगलवार को शिरडी से लेकर सिद्धिविनायक तक जमकर कर प्रदर्शन किया एवं महाराष्ट्र के धार्मिक स्थलों को खुलने की मांग की गयी। वही , दूसरी ओर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चिट्ठी लिखी है। वहीं राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच इस चिठ्ठी का आदान-प्रदान जारी है। अभी हाल ही में उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को जवाब में चिट्ठी लिखी है।
इस चिठ्ठी में उन्होंने लिखा है कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खोलने की चर्चा के साथ कोरोना के बढ़ते मामलों का भी ध्यान रखना चाहिए। इसी पर मुख्यमंत्री का कहना है कि मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। जो लोग हमारे राज्य की तुलना PoK से करते हैं उनका स्वागत करने मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता है। सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा? उसके बाद राज्यपाल ने चिट्ठी में लिख कर कहा कि आपने एक जून को ‘मिशन बिगेन अगेन’ की शुरुआत की थी।
लेकिन अब उसे चार महीने हो गए हैं और अभी तक धार्मिक स्थल नहीं खुले हैं। देश की राजधानी दिल्ली में भी धार्मिक स्थल खुले हैं, जबकि वहां पर कोरोना के मामले अब बढ़ते दिख रहे हैं। यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की। पिछले कुछ वक्त में कई प्रतिनिधिमंडलों ने मुझसे मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा की है।
आपको बता दे, एक तरफ सरकार ने शराब की दुकाने खुल दी है लेकिन मंदिर बंद रखा है। इसी बात से नाराज साधु संतो ने अनशन शुरू कर दिया है। शिरडी में भी बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के महंतों ने शिरडी में एकदिवसीय अनशन शुरू किया है। बता दे की कोरोना महामारी के चलते पिछले 7 महीनो से सभी मंदिर बंद है। बीजेपी का कहना है कि राज्य में शराब की दुकानें खुल गई हैं, लेकिन मंदिर सात महीने से बंद हैं। ऐसे में सभी संतों की मांग है कि उद्धव सरकार राज्य में मंदिर खोले।