बंगाल में राज्य सचिवालय और राजभवन के बीच लड़ाई एक कदम आगे बढ़ गई है. बंगाल सरकार ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बंगाल सरकार ने राज्यपाल पर राज्य के विकास के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत आठ विधेयकों को रोकने का आरोप लगाया है।
याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल ने न केवल संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया है बल्कि सुशासन के क्षेत्र में भी बाधाएं पैदा की हैं. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली. बंगाल सरकार ने इस पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है.
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया है. राज्य सरकार के वकील ने पुराने मामलों का उदाहरण देते हुए अदालत को बताया कि इससे पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने सरकार द्वारा पारित विधेयकों को रोकने के लिए चार राज्यों के राज्यपालों के खिलाफ फैसला सुनाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना और पंजाब के राज्यपालों से रुके हुए बिलों को तुरंत वापस भेजने को कहा था. पिछले साल इस बिल को रोकने के लिए तमिलनाडु और केरल के राज्यपालों की भी सुप्रीम कोर्ट ने आलोचना की थी. इसी के तहत राज्य सरकार ने कोर्ट से इस मामले पर भी फैसला देने का अनुरोध किया है.