इंदौर: एक और देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे और सरकार का खजाना भी खाली है। इसी बीच मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले 3 महीनों में प्रदेश के करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज के नाम पर 47 करोड़ रुपए दिए है। यह राशि ऐसे समय दी गई है जब सरकार का खजाना खाली है।
दरअसल, यह राशी ऐसे अस्पतालों को दी गई हैं जिनके संचालक रसूखदार माने जाते हैं और इसी के चलते उन्हें कोविड की श्रेणी में रखा गया है। इन अस्पताल में इंदौर के अरविंदो, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, चिरायु अस्पताल शामिल है। अरविंदो अस्पताल को सरकार ने करीब 18 करोड़ रुपए दिए है।
इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि जिन शहरों में यह निजी अस्पताल कोरोना वायरस के लिए आवंटित किए गए हैं, उन शहरों में सर्कार लगातार सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होने का दावा कर रही है।
कहा जा रहा है कि कोरोना के इलाज के नाम पर इन अस्पतालों के संचालकों को उपकृत करने में सरकार कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। शायद यही कारण है कि अब भी सरकारी अस्पताल के वार्ड में पर्याप्त बिस्तर होने के बाद भी निजी अस्पतालों में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
अब यह अस्पताल संचालक सरकार से ज्यादा से ज्यादा राशि वसूलने की कोशिश में लगे हुए हैं। अस्पतालों के संचालक चाहते हैं कि सरकार अस्पताल के डॉक्टर, स्टाफ, बिजली बिल, बैंक की ईएमआई तक के पैसे की भी भरपाई करें। हालांकि, जानकारी के मुताबिक़ स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है।
नए प्रस्ताव में की गई थी मांग
विभागिटी अफसरों का कहना है कि एमओयू के हिसाब से अस्पतालों को तय राशी के अलावा अन्य कोई राशी नहीं दी जाएगी। दरअसल, अस्पताल संचालकों ने नए प्रस्ताव में सरकार से 45 से 50 करोड़ रुपए तक के भुगतान की मांग की थी। इसको लेकर तर्क दिया गया था कि आम दिनों में उनके अस्पतालों में सभी प्रकार की बीमारियों के मरीज आते थे लेकिन कोविड सेंटर बनाए जाने के बाद यहां सिर्फ कोरोना के मरीज आ रहे है। ऐसे में अस्पताल का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। सरकार को अस्पताल का पूरा खर्च देना चाहिए।
जानें किन अस्पताल को दी कितनी राशी
- अरविंदो अस्पताल – 18 करोड़ रुपए
- चिरायु अस्पताल – 20 करोड़ रुपए
- इंडेक्स अस्पताल -4.25 करोड़ रुपए
- अमलतास अस्पताल – 2.92 करोड़ रुपए
- सीआर गार्डी अस्पताल – 2.52 करोड़ रुपए
- सिद्धिविनायक अस्पताल – 42 लाख रुपए