कल यानी सोमवार को मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है। जिसमें कई नए व पुराने चेहरे शामिल है। कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल जैसे दिग्गज नेताओं को जगह मिली है। इन्ही बीच 18 विधायकों को पहली बार मंत्री बनाया गया है। कुछ नाम जिनकी सभी को उम्मीद थी वह नाम सूचि से गायब है। जिनमे सबसे गोपाल भार्गव का नाम है। बीजेपी से मध्यप्रदेश के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक है, 9 बार विधायक रह चुके है।
मंत्रिमंडल में शामिल ना होने पर गोपाल भार्गव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना पक्ष रखा है। हालांकि गोपाल भार्गव ने यह पोस्ट बाद में भी डिलीट कर दी। इस पोस्ट में गोपाल भार्गव ने लिखा कि, ‘आज मप्र राज्य के मंत्री परिषद् का पूर्ण गठन हो गया है, मैं नवनियुक्त मंत्रीगणों को अपनी ओर से शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। प्रदेश भर से मेरे समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है कि आपको मंत्री मंडल में नहीं लिया गया?
मैंने उनसे कहा 40 वर्षों के लंबे राजनीतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी है उनको समर्पित भाव से पूर्ण किया है और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं इसलिए आज मंत्रिपरिषद के गठन में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। पद आते-जाते रहते हैं, पद अस्थायी हैं, पर जन विश्वास स्थाई है, इतने वर्षों तक मैंने अपने क्षेत्र और प्रदेश की जो सेवा की है वह मेरी पूंजी और धरोहर है।
मेरे क्षेत्र ने मुझे प्रदेश का सबसे वरिष्ठ 9वीं बार विधायक बनाया जो देश में दुर्लभ एवं अपवाद है, मुझे 70% वोट देकर 73000 वोटों से जिताया यह ऋण मेरे ऊपर है। मैं जब तक इस क्षेत्र का विधायक रहूँगा कोई कमी या अभाव नहीं रहने दूंगा। राजनीतिक दलों के अपने-अपने फार्मूले हैं। सामाजिक, क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं, उसके भीतर जाने या जानने में मेरी कोई रुचि नहीं है इसलिए मैं मौन हूं। खाली समय में अब में प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा।’