OPS 2023 : कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जल्द मिलेगा पुरानी पेंशन योजना’ का लाभ, समिति को रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी

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Old pension Scheme 2023 : मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए एक बार फिर से बड़े बंदोबस्त किए जा रहे है। जिसके अंतर्गत राज्य के लाखों कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिल सकता है। वहीं शासकीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम के निष्पादन के अध्ययन और रिकमेंडेशन के लिए समिति का आयोजन किया गया था। समिति को अपना विवरण 3 महीने में सौंपने के आदेश जारी कर दिए गए थे।

ओल्ड पेंशन स्कीम की डिमांड तीव्र

वहीं महाराष्ट्र सरकार के कर्मियों के माध्यम से ओल्ड पेंशन स्कीम की डिमांड तीव्र हो गई है। जिसके बाद राज्य के सभी शासकीय कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम के कार्यान्वयन और अध्ययन सिफारिश के लिए फिर से एक समिति तैयार की गई थी। कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के लिए 3 माह से ज्यादा का वक़्त दिया गया था। हालांकि 3 माह में रिपोर्ट का काम पूरा नहीं होने के बाद इसे और 2 महीने का डिटेल दिया गया था। जिससे अब तक रिपोर्ट पर कोई अपडेट सामने नहीं आई है। इस विवरण को भी खत्म हुए एक हफ्ते से ज्यादा का वक़्त गुजर गया है।

समिति शीघ्र सौंपेगी रिपोर्ट

साथ ही साथ ऐसा भी माना जा रहा है कि शीघ्र ही कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन के सुपुर्द कर सकती है। वहीं रिपोर्ट भेजे जाने के बाद आगे का एक्शन पूरा किया जाएगा। दरअसल महाराष्ट्र के समस्त कर्मियों द्वारा मार्च माह में अनिश्चितकाल स्ट्राइक का ऐलान किया गया था। 14 मार्च से सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन स्ट्राइक पर चले गए थे। जिसके पश्चात 21 मार्च तक स्ट्राइक जारी रही। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा सभी कर्मचारियों को हड़ताल को समाप्त करने के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम पर समिति का गठन करने और सिफारिश के बल पर योजना को जारी करने का विश्वास दिलाया गया था।

चार सदस्यीय कमेटी का गठन

हालांकि इन दिलासाओं और विश्वास के मुताबिक कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन स्ट्राइक को रिटर्न ले लिया गया था। शासन द्वारा मार्च के माह में ही सेवानिवृत्त इंडियन प्रशासकीय सर्विस अधिकारी सुबोध कुमार के प्रतिनिधित्व में चार सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया था। वहीं कमेटी को रिपोर्ट को भेजने के लिए केवल 3 महीने का अतिरिक्त टाइम दिया गया था। जिसके बाद इसे 2 माह का एक्स्ट्रा डिटेल भी दी गई थी। वहीं इस पूरे विवरण की दिनांक भी तक़रीबन ख़त्म हो गई है। इस केस में लिपिक अधिकार परिषद के प्रदेश महासचिव उमाकांत सूर्यवंशी का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा दिया गया समयकाल ख़त्म हो चुका है। इसी के साथ ये स्ट्राइक खत्म हुए 5 महीने बीत गए हैं लेकिन इस विषय में तैनात समिति की रिपोर्ट अब तक प्रस्तुत नहीं की गई है।