बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि की स्वीकृति दी गई। इस फैसले से 5वें और 6वें वेतनमान के अंतर्गत आने वाले लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत मिलेगी। आइए विस्तार से जानते हैं इस फैसले के प्रमुख बिंदु।
5वें और 6वें वेतनमान के तहत DA में वृद्धि
पांचवें केंद्रीय वेतनमान के तहत कार्यरत कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में 12% की वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के बाद उनका महंगाई भत्ता 243% से बढ़कर 255% हो जाएगा। यह नई दर 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी। छठे वेतनमान के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों और पेंशनरों के DA में 7% की वृद्धि की गई है। इससे उनका महंगाई भत्ता 239% से बढ़कर 246% हो जाएगा।
जुलाई से नवंबर तक का एरियर भी मिलेगा
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई से नवंबर 2024 तक का एरियर जनवरी 2025 में उनके खाते में जमा किया जाएगा। इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को आर्थिक रूप से काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव
बिहार सरकार ने शिक्षकों के लिए नई विशिष्ट शिक्षक नियमावली को मंजूरी दी है। इसके तहत सक्षमता परीक्षा अब 3 बार की जगह 5 बार आयोजित की जाएगी। यह निर्णय राज्य के 85,609 नियोजित शिक्षकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
शिक्षकों के अनुशासन को लेकर सरकार ने सख्त प्रावधान किए हैं। यदि किसी शिक्षक पर अनुशासनहीनता का आरोप लगता है, तो जिला शिक्षा पदाधिकारी को अधिकार होगा कि वह शिक्षक का प्रखंड स्तर पर तबादला कर सकते हैं। दूसरे जिले में तबादले के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अनुशंसा कर सकते हैं। हालांकि, शिक्षक अपने ट्रांसफर के मामले में अपील करने का अधिकार भी रखेंगे।
7वें वेतन आयोग के कर्मचारियों के लिए हालिया वृद्धि
नवंबर 2023 में बिहार सरकार ने 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों और पेंशनरों के DA में 3% की वृद्धि की थी। इससे उनका DA 50% से बढ़कर 53% हो गया। यह वृद्धि 1 जुलाई 2024 से लागू होगी, और इसका एरियर भी जनवरी 2025 में दिया जाएगा।
महंगाई भत्ता (DA) वेतन का अहम हिस्सा होता है, और इसमें बढ़ोतरी से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई से निपटने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है।