केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत 2024 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई मुआवजे (डीआर) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके परिणामस्वरूप, डीए की दर अब 53% तक पहुंच गई है, जिससे एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को वित्तीय लाभ होगा। इस बढ़ोतरी के साथ अफवाहें उड़ी हैं कि सरकार डीए को कर्मचारियों के मूल वेतन में मिला सकती है, लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले ही 3% डीए बढ़ोतरी की घोषणा की, जो जुलाई 2024 से लागू होगी। इससे महंगाई भत्ते की दर 53% तक पहुंच जाएगी। यह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा वित्तीय लाभ है, क्योंकि इससे उनका वेतन बढ़ेगा। हालांकि, इस बढ़ोतरी के साथ कई ऐसी अटकलें भी सामने आ रही हैं कि सरकार इसे कर्मचारियों के मूल वेतन में मर्ज कर सकती है, खासकर आगामी आठवें वेतन आयोग के बाद।
हालांकि, केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार, यह अफवाहें सही नहीं हैं। डीए को मूल वेतन में मिलाने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि महंगाई भत्ता और मुआवजा, जो कि अब अधिकतम 53% तक पहुंच गया है, मूल वेतन में समाहित नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में भारी वृद्धि के बावजूद, डीए का मूल वेतन में विलय नहीं किया जाएगा, जैसा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में भी था।
इसके अलावा, जनवरी 2025 में फिर से डीए और डीआर में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों को और लाभ हो सकता है। इस बीच, कुछ सूत्रों ने यह भी कहा कि ग्रेच्युटी भत्ते में संशोधन जनवरी 2026 तक हो सकता है। केंद्र सरकार के कर्मचारी संघ और यूनियन प्रमुख इस समय इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि कर्मचारियों की बढ़ी हुई महंगाई भत्ते की राशि से संबंधित कई सवाल उठ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि आठवें वेतन आयोग के तहत इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
अंततः, केंद्र सरकार ने अभी तक डीए को मूल वेतन में मिलाने या ग्रेच्युटी में किसी प्रकार के संशोधन की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। कर्मचारियों को अगले महीने (जनवरी 2025) में एक और डीए बढ़ोतरी का इंतजार है, और साथ ही आठवें वेतन आयोग की संभावनाओं पर भी नजरें टिकी हुई हैं।