केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) हाल ही में बढ़ा दिया गया है, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुआ है। सरकार ने महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है, जिसके बाद अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत बढ़कर 53% हो गई है। इस वृद्धि के बाद कर्मचारियों के बीच यह सवाल उठने लगा है कि क्या महंगाई भत्ते को अब उनके मूल वेतन में शामिल किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में वृद्धि दो बार की जाती है. पहली वृद्धि जनवरी में और दूसरी जुलाई में। यह वृद्धि श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए गए AICPI (औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) आंकड़ों के आधार पर की जाती है। जुलाई 2024 में महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह अब 53% तक पहुंच गया है, जो 50% की सीमा से ऊपर है। जब महंगाई भत्ता 50% से अधिक हो जाता है, तो कर्मचारियों के बीच यह सवाल उठने लगता है कि क्या इसे उनके मूल वेतन में जोड़ दिया जाएगा।
ऐसा इसलिए है क्योंकि 5वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, यदि महंगाई भत्ता 50% से अधिक हो, तो उसे मूल वेतन में समाहित किया जाए, ताकि वेतन संरचना को सरल बनाया जा सके। हालांकि, कई बार यह सुझाव दिया गया है, लेकिन सरकार की ओर से इसे लागू करने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है। कहा जाता है कि इस विषय पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
अगर सरकार महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ देती है, तो इसका कर्मचारियों के वेतन पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा, और उन्हें अधिक वेतन मिलने के साथ-साथ अन्य भत्तों में भी वृद्धि हो सकती है। कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी, क्योंकि वेतन ढांचे में स्थायी बदलाव से उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है।
अब यह देखना होगा कि क्या सरकार भविष्य में महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करने की घोषणा करती है। अगली महंगाई भत्ते की वृद्धि जनवरी 2025 में हो सकती है, जो एआईसीपीआई सूचकांक के आधार पर तय की जाएगी। इस बारे में एक नोटिफिकेशन मार्च 2025 में जारी किया जा सकता है। इस समय कर्मचारियों की नजरें इस घोषण पर टिकी हुई हैं। और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत बढ़कर 53% हो गई है। इस वृद्धि के बाद कर्मचारियों के बीच यह सवाल उठने लगा है कि क्या महंगाई भत्ते को अब उनके मूल वेतन में शामिल किया जाएगा।