खुशखबरी! MP में बनेंगे 17 नए रेलवे स्टेशन, इंदौर-मुंबई के बीच घटेगी 200 किमी की दूरी, समय की होगी बचत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इंदौर और मनमाड के बीच एक महत्वपूर्ण नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। यह परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित की गई है और इसमें महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के दो राज्यों को कवर किया जाएगा।

नई परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ

इस परियोजना के तहत लगभग 309 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बनेगी, जिसमें 30 नए स्टेशन शामिल होंगे। इसके लिए कुल 18,036 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह रेलवे लाइन महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों तथा मध्य प्रदेश के बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर जिलों को जोड़ने में मदद करेगी।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ

नई लाइन से 102 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित होगा और यह 29 लाख लोगों को सीधे लाभ पहुंचाएगी। रेलवे प्रति वर्ष करीब 26 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढोने की क्षमता प्राप्त करेगी। पर्यावरण की दृष्टि से, यह परियोजना 138 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन की बचत करेगी, जो लगभग 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। इसके अलावा, प्रति वर्ष लगभग 18 करोड़ लीटर हाई स्पीड डीजल आयात की बचत (लगभग ₹1500 करोड़) होगी।

जनजातीय क्षेत्रों के लिए लाभ

इस परियोजना से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में नई और बेहतर रेल कनेक्टिविटी स्थापित होगी। विशेष रूप से, बड़वानी जिला, जो एक आकांक्षी जिला है, को नई कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। इससे क्षेत्र में पर्यटन और उद्योगों के अवसर बढ़ेंगे, और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ और शिक्षा के अवसर मिलेंगे।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में नई रेलवे परियोजना के लाभ

मध्य प्रदेश के लाभ: नई रेलवे लाइन परियोजना बड़वानी जिले के लिए बेहतर रेल संपर्क प्रदान करेगी, जिससे इस आकांक्षी जिला के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में प्रमुख धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुंच से पर्यटन और तीर्थयात्रा गतिविधियाँ प्रोत्साहित होंगी। परियोजना मुंबई और इंदौर जैसे प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ेगी और बड़वानी तथा खरगोन जिलों की औद्योगिक रूप से पिछड़ी भूमि के आर्थिक विकास में सहायता करेगी। इसके अतिरिक्त, इंदौर के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों से आयातित एक्सिम कार्गो के लिए पश्चिमी महाराष्ट्र के बंदरगाहों तक छोटा और सीधा मार्ग उपलब्ध होगा।

महाराष्ट्र के लाभ: इस परियोजना से मालेगांव, धुले, सिंदखेड़े, शिरपुर जैसे प्रमुख शहरों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जो क्षेत्रीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी। नासिक, धुले और नंदुरबार में प्याज उत्पादक केंद्रों को बेहतर परिवहन विकल्प मिलेंगे, जिससे किसानों को तेज और वैकल्पिक रसद सेवाएं प्राप्त होंगी। प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, शिरडी साईं मंदिर और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग तक बेहतर पहुंच से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र के उत्तर में स्थित प्याज उत्पादक क्षेत्रों से मुंबई पोर्ट (एमबीपीए) और जेएनपीए तक सीधा मार्ग उपलब्ध होगा।

मनमाड-इंदौर नई लाइन का विवरण

बड़वानी जिला पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा, जिससे लगभग 14 लाख लोगों को लाभ होगा। यह लाइन मालेगांव, धुले, सिंदखेड़े, शिरपुर, सेंधवा, राजपुर, ठिकरी, धरमपुर और धार के प्रमुख शहरों के पास से गुजरेगी। उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में प्रमुख धार्मिक स्थलों के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा। किसानों को प्याज उत्पादक केंद्रों से तेज परिवहन की सुविधा मिलेगी और बाजरा उत्पादक क्षेत्रों को भी कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। प्रस्तावित रेल लिंक मुंबई और इंदौर के बीच की दूरी को मौजूदा मार्ग की तुलना में लगभग 188 किमी कम कर देगा और यात्रा समय को 4.5 घंटे तक घटाएगा। यह परियोजना पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों को भी बेहतर पोर्ट कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

सार्वजनिक लाभ और लागत: इस परियोजना से लगभग 29 लाख लोगों को पहली बार रेल संपर्क मिलेगा। अनुमानित लागत ₹18,036 करोड़ है, और इससे 102 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजन होगा। परियोजना से 138 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन की बचत होगी, जो 5.5 करोड़ वृक्षों के बराबर है।