प्रदेश भर में फैले रहस्यमयी बुखार के कहर अब जिले में भी हाहाकार मचने लगा है. गांव से लेकर शहरों तक वायरल बुुखार व निमोनिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जिला अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है. गुरुवार को जिला अस्पताल में 975 मरीजों का ओपीडी हुआ. इसमें सात सौ से अधिक मरीज वायरल बुखार, निमोनिया तथा डायरिया से पीड़ित थे. जिला अस्पताल में अगस्त माह में 138 बच्चे भर्ती कराए गए हैं। एक सप्ताह में बुखार से पीड़ित सात बच्चों की मौत हुई है. जिला अस्पताल में सफाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
वायरल बुखार से सबसे अधिक प्रभावित बच्चे हैं. अगस्त में निमोनिया व डायरिया से ग्रसित सात बच्चों की मौत भी हो चुकी है. बुखार से पीड़ित लोग सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में करीब तीन हजार मरीज अपना इलाज कराने आ रहे है. डॉक्टरों की माने तो यह बुखार सामान्य बुखार से थोड़ा अलग है.
सामान्य बुखार पांच से सात दिनों मे ठीक हो जाता है लेकिन वायरल बुखार का प्रभाव 10-12 दिनों तक रहता है. स्वास्थ्य विभाग भी जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मलेरिया और डेंगू की जांच करा रहा है, लेकिन इन दोनों जांचों के साथ बीमार लोगों को कोविड की जांच करानी पड़ रही है.