देव, गुरु और धर्म अनादिकाल से हैं, इन्हें अपनाने की जरूरत : आचार्य कुलबोधि सूरीश्वर

Shivani Rathore
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Indore News : पुण्य के उदय में पाप करने का मन हो वह दुर्बद्धि और पाप के उदय में पुण्य करने की इच्छा हो वह सद्बुद्धि होती है। वर्तमान में मंदबुद्धि होना अभिशाप नहीं है बल्कि मलीन बुद्धि अभिशाप साबित हो रही है। जीवन रूपी पेड़ के फल दु:ख, डालियाँ दोष और धर्म जड़ें या मूल होती हैं। देव, गुरु, धर्म तो हमें अनादिकाल से मिले हैं इन्हे केवल अपनाने की जरूरत है। गलती हमारी ही है जो हमने इन्हे भुला दिया है।

उक्त विचार शनिवार को गुमाश्ता नगर स्थित श्वेताम्बर जैन जिनालय में आयोजित तीन दिवसीय प्रवचन श्रृंखला के समापन अवसर पर आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीरश्वरजी मसा ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। आचार्यश्री ने अपने प्रवचनों में आगे कहा कि हमारे जीवन में जो भी सफलता या अनुकूलता मिली है उसका श्रेय केवल परमात्मा को जाता है। जीवन में आए दुखों का कारण हम दूसरों को मानेंगे तो दुख और बढ़ेगा और सुख आने पर स्वयं को श्रेय दोगे तो सुख घटेगा।

श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ मूर्तिपूजक ट्रस्ट अध्यक्ष विजय मेहता एवं कल्पक गांधी ने बताया कि गुमाश्ता नगर श्वेताम्बर जैन उपाश्रय में जारी तीन दिवसीय प्रवचनों की अमृत श्रृंखला का समापन शनिवार को हुआ। समापन अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज बंधु शामिल हुए थे। वहीं प्रवचनों के पश्चात सभी श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्यश्री से आशीर्वाद भी लिया। शनिवार को गुमाश्ता नगर श्रीसंघ से सुरेंद्र कुमार, भूपेंद्र कुमार, अभय कटारिया सहित जिनालय ट्रस्ट के पदाधिकारी व श्रावक-श्राविका मौजूद थे।

समस्या अनेक-समाधान एक विषय पर आज युवाओं को आचार्यश्री करेंगे संबोधित

श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ मूर्तिपूजक ट्रस्ट एवं चातुर्मास संयोजक कल्पक गांधी ने बताया कि आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा रविवार 2 जून को सुबह 9.15 से 10.45 तक युवाओं के लिए विशेष शिविर आयोजित कर रहे हैं। फूटीकोठी अक्षत गार्डन पर आयोजित होने वाले इस शिविर में आचार्यश्री समस्या अनेक-समाधान एक विषय पर सभी को संबोधित करेंगे।

रविवार को आयोजित होने वाले विशेष शिविर में श्री नाकोड़ा पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, गुमाश्ता नगर एवं श्री शीतलनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ द्वारकापुरी का भी सहयोग रहेगा।