गीता हमे भगवान से जोड़ती है, इसलिए हर अध्याय का नाम योग है – स्वामी चित्त हरी कृष्ण प्रभुजी

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रविवार 17 अप्रैल 2023 को मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के शिवाजी सभागार में साहित्यकार अनुपमा गुप्ता की पुस्तक”गीता सार कृति” का विमोचन हुआ। वामा साहित्य मंच के बैनर तले साहित्यकार अनुपमा गुप्ता की दूसरी पुस्तक”गीता सार कृति” का विमोचन हुआ। अनुपमा गुप्ता ने अपनी काव्य यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन में घटित एक घटना से उन्हें इस किताब को लिखने की प्रेरणा मिली,और उन्होंने गीता जी को सरल छंदमुक्त काव्य में प्रस्तुत करने की सोची।

मुख्य अतिथि एवं वामा साहित्य मंच की संस्थापक अध्यक्ष पद्मा राजेंद्र ने पुस्तक की विवेचना करते हुए कहा कि गीता जी सर्वकालीन ग्रंथ है।
खासकर स्टूडेंट्स के लिए यह सरल किताब बहुत लाभदाई है और ये नई पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करेगी। सुंदर अनुवाद से सजी यह संग्रहणीय पुस्तक है।
स्वागत उद्बोधन अध्यक्ष इंदु पराशर ने दिया।

उज्जैन से पधारे स्वामी चित्तहरी कृष्ण प्रभुजी ने आशीर्वचन देते हुए कहा -आपके माध्यम से भगवान ,जन जन तक पहुंचे।गीता वह गीत है,जो सबसे ज्यादा हिट है।इसके सबसे ज्यादा व्यू है। क्योंकि…यह पूर्ण ज्ञान है। इसमें बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे ने कहा “गीता में एक वक्ता है एक श्रोता है। इस किताब से अनेक श्रोता जुड़ेंगे। आध्यात्म और विज्ञान जैसे जैसे सुष्मता को बढ़ते है। ध्येय को प्राप्त करते है। गीता अब कैलेंडर का विषय हो गया। गीता को लाल कपड़े से निकाल कर ड्राइंग रूम में लाना होगा। ताकि बच्चे भी उसे पढ़े।

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इस अवसर पर हिंदी साहित्य परिवार के हरेराम वाजपई,नवीन प्रदीप ,अरविंद वामा से ज्योति जैन,वाणी ,शोभा प्रजापति,मंजू मिश्रा,सुजाता देशपांडे, उषा गुप्ता,आशा मुंशी,गरिमा दुबे, नीलम तोलानी , शीरीन भावसार आदि उपस्थित रहे। सरस्वती वंदना प्रीती दुबे,अतिथि स्वागत मधु टॉक,राजेंद्र जैन,संगीता परमार,तरुण गुप्ता आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन अंजना चक्रपाणि ने किया। पुत्र सिद्धार्थ गुप्ता व बेटी सोनल गुप्ता ने शुभकामनाएं दी। अतिथियों को स्मृति चिन्ह ज्योति जैन व तरुण जैन ने दिए। वामा मंच द्वारा भी अनुपमा जी का स्वागत किया गया। आभार तरुण जैन ने माना। अंत में अनुपमा की माताजी शांति जैन का सम्मान किया गया।