*कीर्ति राणा, इंदौर*
दशकों से निस्वार्थ भाव से गौसेवा के कार्य में लगे रहे धार्मिक प्रवृत्ति वाले रवि सेठी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि मंडल पदाधिकारियों की सहमति से वे जिस गिरिराज पर्वत का निर्माण का काम शुरु कर रहे हैं उसे कुछ ट्रस्टियों की अड़ंगेबाजी के कारण रोकना पड़ सकता है।इस निर्माण को न होने देने के लिए उन्हें प्रताड़ित करने के लिए वर्तमान अध्यक्ष के बॉउंसरों द्वारा धमकाने-चमकाने से घबराए रवि सेठी ने मृत्युपूर्व लिखे विस्तृत पत्र में इसका खुलासा करते हुए यह पत्र जीवदया मंडल और ट्रस्ट के पदाधिकारियों को भेज दिया था।
इस पत्र की गंभीरता को पुलिस, मंडल और ट्रस्ट पदाधिकारियों ने समझा ही नहीं।जमीन के इस खेल में कतिपय पदाधिकारियों के दोगले चरित्र से सदमे में आए रवि सेठी की असमय मौत भी हो गई। गौरतलब है कि होलकर रियासत से मिली जीवदया गौशाला मंडल की जमीन फर्म एंड सोसायटी में रजिस्टर्ड है।सोसायटी के नियम मुताबिक यह अचल संपत्ति बेची नहीं जा सकती।
जबकि इस जमीन पर नजर गड़ाए कतिपय ट्रस्टी इस जमीन का अपने हित मुताबिक उपयोग करना चाहते थे इसलिये इस संस्था के साथ जीवदया गौशाला मंडल ट्रस्ट जोड़ने के साथ रजिस्ट्रार ऑफ पब्लिक ट्रस्ट से तत्कालीन अध्यक्ष (स्व) स्व बाबूलाल पाटोदी व अन्य ट्रस्टियों ने रजिस्टेशन करवा लिया था। इस ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष पुरुषोत्तम पसारी है। नदी के आसपास 30 मीटर क्षेत्र में निर्माण नहीं किया जा सकता । इस बाध्यता का रास्ता यह निकाला कि ट्रस्ट ने सरस्वती नदी को नक्शे में नाला बताते हुए तत्कालीन कलेक्टर, कमिश्नर के माध्यम से अनुमति ले ली।नाले के लिए मात्र 9 मीटर जमीन छोड़ना पड़ती है।
ट्रस्टियों के इस फर्जीवाड़े की 2008 में अशोक डागलिया (देवी अहिल्या क्लॉथ मार्केट कंपनी सदस्य) और सुनील अजमेरा ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। तत्कालीन एसपी अरुण जैन के निर्देश पर डीएसपी दिलीप सोनी ने जांच की थी और तत्कालीन अध्यक्ष बाबूलाल पाटोदी व अन्य संचालकों, टीएनसीपी संयुक्त संचालक डा कुलश्रेष्ठ. कॉलोनी सेल उपायुक्त सुरेश वालिया, एसबीआई सीतलामाता बाजार शाखा के मैनेजर का अरोरा आदि पर प्रकरण दर्ज किया था।
अर्जुन सिंह के नाम पत्र लिखा था दिग्विजय
कपड़ा मार्केट विस्तार के लिए जमीन कम पड़ने का हवाला देकर तत्कालीन नगर ग्राम निवेश मंत्री दिग्विजय सिंह से तत्कालीन मुख्यमंत्री (स्व) अर्जुन सिंह के नाम उस वक्त अध्यक्ष रहे बाबूलाल पाटोदी ने पत्र लिखवाया।इस जमीन वाले क्षेत्र से गुजरने वाली सरस्वती नदी को नक्शे में गंदा नाला नाला बताकर वह जमीन मांग ली।देवी अहिल्या गौशाल की इस 21 एकड़ जमीन पर होलसेल सराफा बाजार लाने की प्लॉनिंग की गई थी।
सेठी चाहते थे गिरिराज पर्वत का निर्माण
जिस जमीन को होलसेल सराफा बाजार लाने के लिए शासन से मांगा गया था उस जमीन पर रवि सेठी ने गिरिराज पर्वत निर्माण की प्लॉनिंग की थी। उनके इस निर्णय को जीवदया गौशाला मंडल पदाधिकारियों ने प्रस्ताव पारित कर सहमति दे रखी थी।
उस 21 एकड़ जमीन पर रवि सेठी ने गिरिराज पर्वत निर्माण की प्रक्रिया शुरु की ही थी कि वर्तमान अध्यक्ष पुरुषोत्तम पसारी के बॉउंसर भेरुलाल बागोरा, सोनू कौशल आदि रवि सेठी को 23 जनवरी 2024 को धमकाने पहुंच गए। इनकी धमकियों से घबराए सेठी की तबीयत बिगड़ गई।28 अप्रैल 2023 को 10-12 बॉउंसर फिर उन्हें धमकाने-चमकाने पहुंच गए। रवि सेठी ने तब राजेंद्र नगर थाने में नामजद रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।गांधीनगर क्षेत्र एसीपी रुबिना बिजवानी (गांधीनगरथाना) राजेंद्र नगर थाना में दर्ज इस मामले की जांच कर रही थी।
इस बीच 22 अप्रैल 2024 को पसारी भवन में एक मीटिंग रख कर गिरिराज पर्वत का काम बंद रखने के लिए जीवदया मंडल के मंत्री पुष्पेंद्र धनोतिया, सीके अग्रवाल, राधेश्याम गुरुजी पर दबाव डाला गया लेकिन इन तीनों ने रवि सेठी के काम को उचित ठहराते हुए काम रोकने में सहयोग से इंकार कर दिया।बाद में पसारी व अन्य पदाधिकारियों ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर एसीपी द्वारा की जा रही जांच रुकवाने का रास्ता निकाल लिया।
हताश होकर सेठी ने पांच पेजी पत्र लिखा
गिरिराज पर्वत निर्माण कार्य को रुकवाने में अड़ंगेबाजी, वर्तमान अध्यक्ष पसारी के बॉउंसरों द्वारा लगातार धमकाने और पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से हताश-बीमार रवि सेठी ने 2 मई 24 को जीवदया मंडल और ट्रस्ट के पदाधिकारियों को पांच पेजी पत्र में बिंदुवार सारा घटनाक्रम लिखा था।
पर्वत निर्माण की ट्रस्ट ने इजाजत नहीं दी
अहिल्यामाता जीवदया मंडल, ट्रस्ट और देवी अहिल्या न्यू क्लाथ मार्केट इन तीनों जगह जिम्मेदारी निभा रहे हंसराज जैन पहले ही मीडिया से कह चुके हैं कि सारा झगड़ा गिरिराज पर्वत निर्माण को लेकर है। रवि सेठी जो पर्वत निर्माण कर रहे थे, उसकी अनुमति ट्रस्ट ने दी ही नहीं है।
बचते रहे हैं धनोतिया
अहिल्या माता जीवदया मंडल के सचिव पुष्पेंद्र धनोतिया रवि सेठी की असमय मौत, मृत्यु पूर्व उनके द्वारा लिखे पांच पेजी पत्र मामले में पहले दिन से ही कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि वे क्षेत्र क्रमांक चार की विधायक मालिनी गौड़ के विश्वस्त हैं और यह सारा विवाद भी क्लाथ मार्केट के पदाधिकारियों से जुड़ा हुआ है।