नई दिल्ली: चित्र नवरात्र के तीसरे दिन गणगौर का त्यौहार मनाया जाता है। ये सभी जानते है कि गणगौर पर्व राजस्थान में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन हम आपको बता दे कि यह त्यौहार राजस्थान से भी ज्यदा भव्य आगरा में होता है। आगरा में राजस्थान से ज्यादा भव्य और विधि-विधान से गणगौर पर्व मनाया जाता है। यहां ये महोत्सव दो दिनों का होता है। लेकिन इन दो दिनों में ऐसी कोई भी परंपरा नहीं होती, जो निभाई नहीं जाती हो। यहां गणगौर महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। आज शाम यहां मेले का शुभारम्भ होगा। इसके अलावा बैंड-बाजे, ढोल-ताशो के साथ गणगौर की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। आज गणगौर सिर्फ पानी पीने जाएंगी। इसके आगे का कार्यक्रम कल यानि 21 मार्च को होगा।
गणगौर महोत्सव के दौरान पूरा गोकुलपुरा, मोती कटरा रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाएगा। रात भर गणगौर यात्रा निकलेगी और गणगौर के पास विभिन्न झांकियां सजाई जाएंगी। यहां गणगौर पर्व में एक अलग ही परंपरा निभाई जाती है। यहां भस्मासुर का पुतले का दहन किया जाता है।
22 मार्च को सुबह लीला का मंचन के बाद भस्मासुर के पुतले का दहन किया जाएगा। ऐसी परंपरा आगरा में कई सालो से निभाई जा रही है। बताया जाता है कि उनके पूर्वज राजस्थान के थे। मुगल सम्राट अकबर उनके बर्तनों की कारीगरी से प्रसन्न होकर उनके पूर्वजों को आगरा लाए थे। यहां पर उन्हें गोकुल पुरा में रहने का स्थान दिया गया था, तभी से वे लोग यहां बस गए हैं।