Ganesh ji modak upay : गणेश उत्सव के दौरान लोग कई प्रकार के व्यंजन और पकवान प्रसाद के रूप भोग लगते है।19 सितंबर से शुरू हुए इस गणेश चतुर्थी पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाई जाती है। ये दस दिवसीय उत्सव का समापन अनंत चतुदर्शी के दिन होता है। इसके पहले बहुत ही श्रद्धा के साथ में गणपति की स्थापना की जाती है और इन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है जो इन्हें सबसे प्रिय है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, गणेश जी को प्रसन्न करने और आशीर्वाद पाने के लिए गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है मोदक गणेश जी की प्रिय मिठाई कैसे बनी? आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बताया जाता है कि एक बार भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती एकांत स्थान में चले गए थे। इस दौरान उन्होंने भगवान गणेश को अंदर ना आने की अनुमति दी थी। इसके बाद भगवान विष्णु परशुराम के वेष में पहुंच गए, भगवान विष्णु ने गणेश जी से कहा कि वह भगवान शिव के दर्शन करना चाहते हैं। लेकिन बप्पा ने भगवान विषणु को अंदर जाने से रोक दिया और दोनों के बीच कहासुनी होने लगी।
इस दौरान भगवान विष्णु ने महादेव द्वारा दिए गए शस्त्र परशु का उपयोग करते हुए गणेश जी पर हमला कर दिया जिसके बाद शस्त्र के दांत पर टकराने की वजह से उनका एक दांत टूट गया। इस दौरान दोनों को अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन एक दांत होने की वजह से गणेश जी को भोजन करने में परेशानी हो रही थी। उस समय माता पार्वती ने उनका हाल देखते हुए मोदक बनाया, जो भगवान गणेश को बहुत पसंद आये थे। यही सबसे कारण है कि इसके बाद से भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाया जाता है।