भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि से लेकर चतुर्दशी तिथि तक गणेश महोत्सव (Ganesh Mahotsav) चलता है जिसे गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत 10 सितंबर 2021 (शुक्रवार) के दिन से हो रही है। हिंदू धर्म में गणेश भगवान (Lord Ganesha) को प्रथम पूजनीय का दर्जा प्राप्त है, अर्थात किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है और इसके बाद ही काम शुरू किया जाता है।
कहते हैं ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन की तमाम समस्याएं दूर होती हैं और होने वाला काम बिना किसी अमंगल के पूरा होता है और साथ ही गणेश भगवान की पूजा से व्यक्ति को किसी भी तरह के रोग, आर्थिक समस्या, नौकरी, मकान, व्यवसाय, संतान से संबंधित समस्याओं का हल भी मिल जाता है। बता दें गणपति स्थापना से पहले कुछ चीजों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। अगर आप बप्पा की इन चीजों को ध्यान में रखकर तैयारियां करेंगे तो ही बप्पा खुशी-खुशी आपके घर विराजेंगे और आपके दुख-कष्ट हर लेंगे। आइए डालते हैं एक नजर इन खास तैयारियों पर…
-वैसे तो गणेश चतुर्थी पर सभी अपने अपने घर गणेश जी लेकर आते हैं और अगर आप गणपति लाने की सोच रहे हैं तो बता दें कि सफेद मदार की जड़ या फिर मिट्टी से बनी गणेश मूर्ति को पूजा के लिए शुभ माना जाता है। यही नहीं, आप सोना-चांदी, तांबे आदि से बनी गणेश मूर्ति की भी स्थापना कर सकते हैं। बस प्लास्टर ऑफ पेरिस या किसी अन्य मैटिरियल से बनी मूर्ति को पूजा में रखना अशुभ माना जाता है। इसलिए ऐसी मूर्ति लेने से परहेज करें।
-वाममुखी गणपति (Vaammukhi Ganpati) की मूर्ति घर लाएंगे तो उन्हें प्रसन्न करना आसान होता है। दरअसल, गणेश जी की बाईं ओर वाली सूंड को वाममुखी गणपति कहा जाता है। कहते हैं वाममुखी गणपति की पूजा करना आसान होता है। जबकि दाईं ओर सूंड वाले गणपति की पूजा के लिए विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है।
-ऐसा माना जाता है कि गणेश महाराज (Ganesh Maharaj) की बैठी हुई प्रतिमा ज्यादा फलदायी होती है। ऐसे में गणपति की मूर्ति (Ganpati Murti) खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें। हो सकता है पूजा में गणपित की ऐसी मूर्ति रखना आपके लिए शुभ हो जाए और बप्पा आपकी पूजा से प्रसन्न होकर आपके बिगड़े कामों को बना दें। इतना ही नहीं, किसी कार्य में आ रही रुकावटों को भी पल में दूर कर सकते हैं।
-अगर आप अपने ऑफिस के लिए गणपति लाने का विचार कर रहे हैं, तो खड़े हुए बप्पा ज्यादा शुभ रहेंगे। कहते हैं, ऐसी प्रतिमा के पूजन से सफलता और तरक्की मिलती है।
-ऐसी मान्यता है कि गणपति की सफेद या सिंदूरी रंग (White or Sinduri Ganpati Colour Murti) की प्रतिमा लेना शुभ माना जाता है। तो इस बार अगर बप्पा की मूर्ति घर में स्थापित करने का प्लान बना रहे हैं, तो कोशिश करें कि सफेद या सिंदूरी रंग की हो. वैसे तो आप किसी भी रंग की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।
-अगर इस बार गणपति को घर में स्थापित करने का कारण संतान प्राप्ति है, तो घर में गणपति के बाल रूप की स्थापना करें।