जिले में सोयाबीन की फसलों में लगी फफूंद, कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों ने किया निरीक्षण

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उज्जैन 26 अगस्त। जिले की विभिन्न तहसीलों में सोयाबीन की फसल में कई प्रकार की कीट एवं व्याधियों से पीड़ित होकर पीली नजर आ रही है। सोयाबीन की फसल में फफूंदजनित एथ्रेकनोज रोग, एरियल ब्लाईट की बीमारी एवं जड़ सड़न रोग का प्रकोप देखा जा रहा है। कलेक्टर आशीष सिंह, महिदपुर विधायक बहादुरसिंह चौहान, घट्टिया के पूर्व विधायक सतीश मालवीय, जिला पंचायत सीईओ अंकित अस्थाना ने आज महिदपुर एवं घट्टिया तहसील के कई ग्रामों में कृषि वैज्ञानिक आरपी शर्मा एवं कृषि विभाग के उप संचालक सीएल केवड़ा के साथ किसानों के खेतों में जाकर फसलों का अवलोकन किया तथा उन्हें इस रोग से बचाव के लिये किये जाने वाले उपायों सम्बन्धित जानकारी दी। जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने अऋणी किसानों से आग्रह किया है कि वे आगामी 31 अगस्त तक फसल बीमा अवश्य करा लें, जिससे कि उन्हें फसल में होने वाले नुकसान की भरपाई जा सके।
महिदपुर तहसील में विधायक बहादुरसिंह चौहान व कलेक्टर आशीष सिंह ने सबसे पहले ग्राम बरूखेड़ी में किसान भरतलाल, भंवरलाल एवं बालूसिंह के खेत पर जाकर सोयाबीन की फसल का अवलोकन किया। यहां उन्होंने पाया कि फफूंद के कारण सोयाबीन की पत्तियां पीली पड़ गई है एवं यह रोग एक कोने से शुरू होकर एक या दो दिन में सम्पूर्ण खेत को लील रहा है। यहां पर किसानों को सलाह दी गई कि खराब हुई फसल को बचाने के लिये फफूंदनाशक दवा टेबुकोनाझोल+सल्फर एक किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबिन 20 डब्ल्यूजी 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करने से जितना नुकसान हुआ है, उसको छोड़कर नया नुकसान फसल में नहीं होगा। निरीक्षण में पाया गया कि सोयाबीन की 9560 किस्म में फफूंद के कारण अधिक नुकसान हुआ है।
जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का दल महिदपुर के ग्राम बनी में किसानों के खेतों पर गया और यहां कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि ग्राम बनी में 6124 किस्म की सोयाबीन में पीले मोजेक विषाणु रोग एवं रस चूसने वाले कीड़े का प्रकोप है। इस कारण से सोयाबीन की पत्तियां पीली पड़ने के साथ-साथ हरी पत्तियां मुरझाकर काली भी पड़ गई हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने इससे बचाव के लिये थायोमिथाक्सम+लैम्बडा सायहैलोथ्रिन 125 मिली प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करने की सलाह दी है, जिससे सफेद मक्खी के साथ-साथ पत्ती काटने वाले कीड़ों का भी एकसाथ निदान हो सके। कलेक्टर ने महिदपुर से वापसी में रास्ते में पड़ने वाले महिदपुर तहसील के ग्राम ढाबलीकम्मा में भी किसानों से चर्चा की तथा उनसे आग्रह किया कि उनके गांव के अऋणी किसानों को 31 अगस्त के पूर्व फसल बीमा करवा लेना चाहिये।
घट्टिया जनपद के ग्राम कोलूखेड़ी, घट्टिया व निपानिया गोयल में फसलों को देखा
कलेक्टर आशीष सिंह ने घट्टिया जनपद के ग्राम कोलूखेड़ी, घट्टिया व निपानिया गोयल में विभिन्न किसानों के खेतों में जाकर सोयाबीन की फसल का जायजा लिया। ग्राम कोलूखेड़ी में कृषक पुष्पादेवी के खेत पर सोयाबीन की फसल को एरियल ब्लाईट बीमारी से ग्रसित पाया। इस बीमारी के कारण पत्तियों पर असामान्य पनीले धब्बे दिखाई देते हैं जो बाद की अवस्था में भूरे या काले रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। इसी तरह ग्राम निपानिया गोयल में कृषक गेंदालाल के खेत पर भी जाकर फसलों का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम गोविन्द दुबे, पूर्व विधायक सतीश मालवीय, पूर्व मंडी अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला, जगदीशनारायण त्रिवेदी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य जसवंतसिंह उमठ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण कृषक मौजूद थे।