कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्यप्रदेश के महू में है। संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म स्थान के नाम से भी जाना जाता है। यह पर यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आरएसएस और भाजपा को एक बार फिर घेर लिया है।
क्या बोले संबोधन के दौरान
जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, किसी अन्य पार्टी के कार्यकर्ता 3500 किमी। तक नहीं चल सकते हैं. उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि आज कुछ लोग संविधान को खत्म करने में लगे हुए हैं। हिंदुस्तान के हर एक नागरिक को संविधान ने एक जैसा अधिकार दिया है। राहुल ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के लोग इस संविधान को खत्म नहीं कर सकते। संविधान की शक्ति को आरएसएस खत्म करना चाहता है।
मेरे दिल में डर नहीं- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी को याद करते हुए कह कि मेरी दादी को 32 गोली मारी, पिता को बम से उड़ा दिया। इतनी हिंसा के बाद भी दिल में डर नहीं है और इसलिए नफरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे दिल में आरएसएस, मोदी, अमित शाह के लिए नफरत नहीं है। आरएसएस वालों डर मिटा दो, आपका डर देश का नुकसान कर रहा है। राहुल ने कहा, मोहब्बत करने वाले डरते नहीं और डरने वाले मोहब्बत नहीं करते।
52 सालो तक नही लहराया तिरंगा
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हम लोग तकरीबन 2 हजार किलोमीटर तक चल चुके हैं। ये यात्रा सिर्फ एक जगह पर डायवर्ट हुई है, महू में क्योंकि ये अंबेडकर जी की जमीन है। महू में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये अंबेडकर, संविधान और तिरंगे की जमीन है। तिरंगा संविधान की शक्ति का प्रतीक है। लेकिन देश में एक संगठन (आरएसएस) ने 52 सालों तक अपने कार्यालय पर तिरंगा नहीं लगाया। संविधान ने हिंदुस्तान के पांच हजार साल के इतिहास में पहली बार सभी नागरिकों को समान अधिकार दिया।
नोटबंदी और कोरोना
राहुल ने कहा, नोटबंदी और कोरोना के समय जो हुआ (लॉकडाउन) उसके पीछे देश के तीन चार अरबपतियों की शक्ति है। महंगाई का जिक्र कर राहुल ने लोगों से पूछा, यूपीए के समय 400 का सिलिंडर था, 60 का पेट्रोल, 55 का डीजल था। अब क्या कीमत है। बेरोजगारी का मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए राहुल ने कहा कि सरकार की नीति है इंजीनियरिंग करो और मजदूर बनो, चार साल सेना में जाओ फिर मजदूर बनो। राहुल गांधी ने कहा नोटबंदी, जीएसटी और निजीकरण गरीबों को खत्म करने के हथियार हैं।