भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच एक बार फिर 10 दिनों के अंदर मंगलवार को दूसरी बार दोनों देश के पीएम होंगे आमने सामने। बता दे कि 12वें BRICS शिखर सम्मेलन के लिए ब्रिक्स देशों-ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होंगे। यह जुलाई में होने वाली बैठक कोरोना के चलते आगे बढ़ गई थी जिसको अब नवंबर में आयोजित किया गया। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बतया गया है कि, ‘राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस द्वारा आयोजित 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।’
क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना महत्वपूर्ण- PM
प्रधानमंत्री ने इस से पूर्व में आयोजित SCO के मंच से चीन और पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करते हुए सन्देश दिया था। पीएम मोदी ने चीन और उसकी विस्तारवादी नीति पर कहा था कि, ‘भारत का मानना है कि कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।’
अभी भारत और चीन के मौजूदा हालत में चीन लगातार के शांत मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। इसके पूर्व में अभी मास्को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी व्यक्तिगत रूप से मिले थे। इस बैठक के बाद दोनों LAC पर गतिरोध कम करने के लिए वह पांच सूत्रीय प्रस्ताव के सामने आए थे।