फ़्रांस की घटना पर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. दुनिया के विभिन्न मुस्लिम देशों ने फ़्रांस की घटना का कड़ा विरोध किया है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति द्वारा मोहम्मद और इस्लाम पर दिए गए बयान से मुस्लिम आहत हुए हैं. वहीं अब इस मामले पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ने बयान दिया है. कनाडाई पीएम ने इस दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया. हालांकि उन्होंने इस बायत से भी अवगत कराया कि हर चीज की एक सीमा होती है. किसी भी समुदाय, सम्प्रदाय की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए और जानबूझकर या गैर-आवश्यक रूप से ऐसा नहीं होना चाहिए.
बता दें कि शुक्रवार को फ्रांस की व्यंग्यात्मक मैगजीन शार्ली हेब्दो में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के बारे में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन से सवाल पूछा था. इसके जवाब में कनाडाई पीएम ने कहा कि, हमेशा से ही हम अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में रहेंगे. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई नियमों का उल्लंघन करें. जानबूझकर किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए. दूसरी ओर आपको बता दें कि अपने बयान के बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल ने एक और बड़ा बयान दिया था. जहां उन्होंने इस मामले को लेकर कहा था कि वे अपने बयान पर अडिग है और किसी भी स्थिति में वे झुकेंगे नहीं.
जानिए क्या है मामला ?
बता दें कि हाल ही में फ़्रांस में एक स्कूल में कक्षा के अंदर एक बच्चे को एक शिक्षक द्वारा मोहम्मद का एक विवादित कार्टून दिखाया गया था. लेकिन बच्चे को यह रास नहीं आया और बच्चे ने टीचर सैमुअल पैटी का सर कलम कर दिया था. इस घटना के बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति ने इसे इस्लामिक आतंकी घटना करार दिया था और शिक्षक का बचाव किया था.
बता दें कि इमैनुअल पूरी तरह से शिक्षक के बचाव में नजर आए और उन्होंने मरणोपरांत टीचर सैमुअल पैटी को फ़्रांस के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय नागरिक सम्मान से भी सम्मानित किया. साथ ही फ़्रांस के राष्ट्रपति ने मोहम्मद के विवादित कार्टून को जारी किए जाने की बात भी कही थी. इस पूरे घटनाक्रम के बाद से लेकर अब तक दुनियाभर में इमैनुअल का विरोध जारी है.