भारत और इंडिया नाम पर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में अब पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भारत-इंडिया वाले विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, नाम पर विवाद होना ही नहीं चाहिए हमारा देश भारत, हिंदुस्तान और इंडिया तीनों नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों ने उनके सुविधा अनुसार भारत को इंडिया कहना शुरू किया जो कि अब प्रचलन में है।
जानकारी के लिए बता दें कि, यह विवाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की और से G20 रात्रिकालीन भोज के लिए भेजे गए निमंत्रण के बाद खड़ा हुआ है, जिसके बाद से ही नाम को लेकर सभी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, निमंत्रण में उन्हें प्रेसिडेंट आफ इंडिया के बजाय प्रेसिडेंट आफ भारत बताया गया है, इसके बाद से ही नाम को लेकर बहस छिड़ गई है।
ऐसे में आप पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपनी प्रतिज्ञा देते हुए कहा है कि अंग्रेज उनकी सुविधा अनुसार भारत को इंडिया कहा करते थे, जो कि धीरे-धीरे प्रचलन में आ गया और आज लोग भारत को इंडिया ज्यादा कहते हैं तो ऐसे में विवाद होना ही नहीं चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, सिंधु घाटी सभ्यता को अंग्रेज हिंदु घाटी सभ्यता कहते थे।
यही वजह है कि वे हमारे देश को भारत के बजाय इंडिया कहने लगे। धीरे-धीरे यह प्रचलन में आ गया। उन्होंने कहा कि भारत को इंडिया भी कहा जाता है और हिंदुस्तान भी कहा जाता है। सभी लोग अपनी सोवियत के हिसाब से देश का नाम लेते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी गर्व से अपने आप को हिंदुस्तानी कहते हैं ऐसे में नाम को लेकर तो विवाद नहीं होना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने एक किस्सा भी शेयर करते हुए बताया कि, वे जब लोकसभा अध्यक्ष के रूप में विदेशी दौरों पर जाती थी तो मजाक में कहती थी कि मुझे अंग्रेजी वर्णमाला के आधार पर आगे की कुर्सी मिलना चाहिए क्योंकि मैं भारत का प्रतिनिधित्व करती हूं।