आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन है। ऐसे में बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि अब एमपी में ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं करवाए जाएंगे। ऐसे में पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी अपनी राय रखते हुए बीजेपी सरकार पर तंज कसे है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि –
-आज सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि ओबीसी आरक्षण के बिना कोई चुनाव नहीं होंगे।
-मैं आज सबका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि परसों हमने ही यह बात रखी थी कि हम प्रस्ताव पास करें , मेने ही सदन में कहा था कि हम आपकी पूरी मदद करने को तैयार है।
-डेढ़ साल से इनकी सरकार है। इनकी जिम्मेदारी थी की पंचायत चुनाव करवाएं , हमने तो परिसीमन करा दिया था ,हमने रोटेशन करा दिया था , यदि इनको यह मंज़ूर नही था तो संशोधन करवा देते। लेकिन कोरोना का बहाना लेकर डेढ़ साल इन्होंने पंचायत के चुनाव नहीं करवाये , जबकि इस दौरान प्रदेश में 28 उपचुनाव हुए और कई चुनाव हुए।
-अब ये पंचायत चुनाव करवा रहे है वो भी बिना रोटेशन और बिना परिसीमन के।हम रोटेशन व परिसीमन के मुद्दे पर कोर्ट गये। इनके पास कहने को कुछ नहीं , झूठ बोलने में माहिर है , हम जिस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में गए ,वह इंटरनेट पर है , खुली किताब की तरह है , सारी प्रोसिडिंग इंटरनेट पर हैं , हमारी पूरी चर्चा रोटेशन पर रही।
-आख़िर जो 7 साल से इंतजार कर रहे थे कि मेरा नंबर भी आएगा , रोटेशन उसका अधिकार है जो छिन गया , उसने 7 साल इंतज़ार किया था , अब क्या वो 5 साल और इंतजार करेगा ?
-परिसीमन से लोग दुखी है पंचायत से उनका गांव दूर है।
-इनके पास डेढ़ साल था लेकिन इन्होंने कुछ नही किया।
-हम कोर्ट रोटेशन के मामले में गये कि सबके साथ न्याय हो जायेगा , पर कोर्ट का निर्णय दूसरी तरफ आ गया।
-कोर्ट में सरकार के वकील और चुनाव आयोग के वकील में उपस्थित थे , उन्होंने कोई बहस नही , कोई विरोध नहीं किया , यह सब रिकॉर्ड पर है।
-जब परसों हमने मामला उठाया तो यह ध्यान मोड़ने के लिए आरोप-प्रत्यारोप में लग गए।
यह स्पष्ट करे कि क्या बिना आरक्षण के यह चुनाव कराएंगे ?
-मुख्यमंत्री जी ने 48 घंटे पहले यह बयान दिया कि बग़ैर OBC आरक्षण के हम कोई चुनाव नहीं कराएंगे।
-हमने आज इनसे यही पूछा कि आप इस मामले में क्या कर रहे हैं ,आपने क्या पहल की है , बताये ?
-कह रहे कि हम कोर्ट गए हैं ,अरे आप कहीं भी जाएं ,आपने सदन में जो आश्वासन दिया ,उस पर अमल करें , जो आश्वासन आपने प्रदेश को दिया ,उस पर अमल करिए।
– यह प्रस्ताव तो परसों ही पास करवाना था , यही हमारी माँग थी।
-अब जिम्मेदारी सरकार की है कि जो सदन ने प्रस्ताव पास किया है ,उस पर अमल हो।
अब यह बहाना नही बनाये कि कोर्ट में मामला है।
-आपने ही चुनाव की घोषणा करवाई ,आपने ही चुनाव आयोग में सहमति दी कि चुनाव होना चाहिए।
-हमारा कहना है बिना परिसीमन के ,बिना रोटेशन के ,बिना ओबीसी आरक्षण के कोई चुनाव प्रदेश में नहीं होना चाहिए ,यह हमारी माँग है।
-अब सरकार का दायित्व है कि आज जो सदन में प्रस्ताव पास किया है , उसका पालन हो , भले अध्यादेश लाइये।
-चुनाव की प्रक्रिया जारी है , आज नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है , कल से लोग मैदान में आ जाएँगे।
-कल से कोर्ट से यदि कोई ऐसा फैसला जाए कि रोटेशन हो , तो जो लोग चुनाव में लगे रहे , जिनका पैसा खर्च हो जाएगा , तो उनका क्या होगा ,यह बुनियादी बातें आज समझने की आवश्यकता है लेकिन यह समझने को तैयार नहीं है।
– अब मुख्यमंत्री के पास बोलने के लिए कुछ नहीं बचा है , आज तो मुझे भी सदन में बोलने भी नहीं दिया , इसलिए हमने आज बहिगर्मन किया।
-मैं संकल्प पर बोलना चाहता था ,मैं सब सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता था।
-हम सड़क पर भी इस लड़ाई को लड़ेंगे , जिस तरह से यह विधानसभा चला रहे हैं ,हम आम जनता के बीच में जाएंगे।
-शिवराज जी ने पिछले ढेढ साल से जो नहीं किया ,आज उसकी सफाई दे रहे हैं।
-सरकार अध्यादेश लाएं।ऐसे कई उदाहरण मौजूद है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद केंद्र सरकार ने कानून बनाया है।
-यदि सरकार आरक्षण के पक्ष में है ,रोटेशन के पक्ष में ,परिसीमन के पक्ष में है तो अध्यादेश ले आए ,कानून बना दे , पर इनकी मंशा नहीं है।
-यह पंचायत चुनावो के परिणामों को जानते थे , इसलिए इस तरह का चुनाव कराना चाहते है।
-कल चुनाव आयोग ने आदेश निकाला कि मतदान होगा लेकिन घोषणा नहीं होगी ,यह क्या मजाक है , ऐसा कोई चुनाव देश के इतिहास में कभी हुआ है ?
-आज केवल यूरिया की ही कमी नहीं है ,आज इनकी सोच की , इनकी नियत की भी कमी है।आज किस चीज की कमी नहीं है ,क्या रोजगार की कमी नहीं है ,क्या किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल पा रहा है ? यह सब बातें तो आज जनता के सामने है।
-आज जनता देख रही है कि इनके पास पुलिस, पैसा , गुमराह करना , झूठ बोलना और झूठा आश्वासन देना ही बचा हैं।
-15 सालो से सिर्फ़ झूठ ही तो बोल रहे है ,
– अभी भी बाज नहीं आ रहे है , यह तो सदन में भी झूठ बोलने से बाज नहीं आते।