मध्‍प्रदेश में टीकाकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने CM शिवराज सिंह से पूछे सवाल और माँगा जवाब?

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नरेन्द्र सलूजा

भोपाल : प्रिय शिवराज जी, मध्‍यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है, लेकिन मध्‍यप्रदेश सरकार जिस तरह से कोरोना वायरस महामारी से निपट रही है, उससे प्रदेश की जनता का दिल टूट रहा है. प्रदेश की जनता पहले ही कोरोना की दूसरी लहर में सरकार का कुप्रबंधन भुगत चुकी है. अपने इस कुप्रबंधन से निपटने का उपाय करने के बजाय मध्‍य प्रदेश सरकार ने संक्रमित और मृत व्‍यक्तियों के आंकड़ों को छुपाने की ही बहादुरी दिखाई है. जब-जब कोई समस्‍या सामने आई तो सरकार ने हवाई घोषणाएं और सत्‍य बोलने वालों पर मुकदमा दर्ज करके उस समस्‍या को छुपाने का प्रयास किया. सरकार की यही नीयत लॉकडाउन खत्‍म करने और टीकाकरण में भी दिखाई दे रही है.

मध्‍य प्रदेश में 6 जून 2021 के आंकड़ों पर विश्‍वास करें तो 1.11 करोड़ लोगों को टीके की एक डोज और महज 18.57 लाख लोगों को वैक्‍सीन की दूसरी डोज लगी है. प्रदेश की जनसंख्‍या के अनुपात में देखें तो 15.25 फीसदी लोगों को टीके का एक डोज और 2.53 फीसदी लोगों को टीके के दोनों डोल लगे हैं. यहां यह ध्‍यान रखने की बात है कि करीब 4 महीने पहले टीकाकरण शुरू हुआ था और अब तक सिर्फ ढाई फीसदी आबादी को ही टीके के दोनों डोज लग सके हैं. क्‍या टीकाकरण की इ‍तनी धीमी गति हमें भविष्‍य के प्रति आश्‍वस्‍त करती है.

यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्‍योंकि टीकाकरण को लेकर राज्‍य और केंद्र सरकार के पास असल में कोई योजना ही नहीं है. जिस देश में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जमाने से टीकाकरण का काम केंद्र सरकार करती आई है, वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले तो यह काम राज्‍यों पर डाल दिया. उसके बाद राज्‍यों ने ग्‍लोबल टेंडर जारी किये. मध्‍य प्रदेश सरकार ने भी इस आशय की घोषणा की. सुप्रीम कोर्ट से फटकार पड़ने के बाद अब प्रधानमंत्री ने 21 जून से टीकाकरण का काम केंद्र के जिम्‍मे करने की बात कही है. दूसरी तरफ मध्‍य प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सीमित टीकाकरण और लॉकडाउन की समाप्ति गंभीर चुनौती लेकर आ रही है. ऐसे में मुख्‍यमंत्री

शिवराज सिंह चौहान मेरे इन 10 प्रश्‍नों का जवाब दें:
1. क्‍या मध्‍य प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया सभी शहरों के लिए एक सी है. या हर शहर अपने हिसाब से निर्णय लेगा?
2. भोपाल में 10 जून से सभी दुकानें खुलनी हैं और उसके पहले सभी व्‍यापरियों और उनके कर्मचारियों को टीका लगवाना अनिवार्य है. क्‍या मध्‍य प्रदेश सरकार ने एक दिन में भोपाल के सारे दुकानदार और उनके कर्मचारियों के लिए टीके की व्‍यवस्‍था कर दी है?
3. अगर सरकार एक दिन में सब दुकानदारों को टीका लगाने का इरादा रखती है तो इसका क्‍या प्‍लान है?
4. प्रदेश के पेशेवर संगठनों ने कहा है कि जिन लोगों का वैक्‍सीनेशन नहीं हुआ है, उन्‍हें काम पर नहीं रखेंगे. क्‍या आपकी इस धीमी टीका प्रक्रिया से पहले से ही रोजगार से वंचित कामगार वर्ग को रोजगार मिलने में और दिक्‍कत नहीं आएगी.
5. कुछ जिलों से समाचार मिले हैं कि उन्‍हीं कर्मचारियों को वेतन दिया जाएगा जिनका टीकाकरण हो चुका है, क्‍या आपके पास इन सबको तुरंत टीका लगाने का इंतजाम है? यदि नहीं, तो वेतन न मिलने के दौरान इनके परिवार का भरण-पोषण कौन करेगा?
6. मध्‍य प्रदेश सरकार ने वैक्‍सीन के लिए जो ग्‍लोबल टैंडर का इरादा किया था, क्‍या उन्‍हें वापस लेने से प्रदेश की साख को बट्टा नहीं लगेगा. या फिर टेंडर की घोषणा सिर्फ एक जुमला थी.
7. इंग्‍लैंड जैसे देश जहां पर बड़ी संख्‍या में लोगों का टीकाकरण हो चुका है, वहां एक बार फिर से महामारी की लहर आई है. भारत में भी इस बार कोरोना का ज्‍यादा प्रकोप इंग्‍लैंड से आए वेरिएंट के कारण हुआ था. क्‍या आप इस स्थिति का कोई वैज्ञानिक अध्‍ययन करा रहे हैं?
8. सिर्फ ढाई प्रतिशत आबादी को दोनों डोज लगने के बाद ही लॉकडाउन खुल रहा है, ऐसे में बाकी 97.5 फीसदी जनता को कोरोना से बचाने के लिए आपके पास क्‍या प्‍लान है?
9. आपने और आपके मंत्रियों ने प्रदेश के कई शहरों में 15 दिन में ऑक्‍सीजन प्‍लांट बनाने की घोषणाएं की थीं, कई महीने बीत जाने के बाद भी ये प्‍लांट नहीं बने हैं? क्‍या आप स्‍वयं और आपके मंत्री इस तरह का झूठ प्रचार बंद करेंगे?
10. प्रधानमंत्री ने सभी को मुफ्त वैक्‍सीनेशन का वादा किया है तो क्‍या मध्‍य प्रदेश में निजी अस्‍पतालों में भी मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाएगा?

मुझे आशा है कि आप इन प्रश्‍नों पर गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे और इनका सार्वजनिक उत्‍तर देंगे. जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रही है, तब मध्‍य प्रदेश की जनता अपने मुख्‍यमंत्री से एक स्‍पष्‍ट योजना और उसके कार्यान्‍वयन की उम्‍मीद रखती है.