नई दिल्ली। शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक (ईएएस) को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने चीन को परोक्ष संदेश देते हुए भारत ने दक्षिणी चीन सागर में विश्वास खत्म करने वाले ‘कदमों एवं घटनाओं’ को लेकर चिंता प्रकट की। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनुपालना और क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए।
जयशंकर ने कहा कि, अगर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता हो तो विभिन्न दृष्टिकोण का समायोजन रखना कभी चुनौतीपूर्ण नहीं होगा। बता दे कि, इस डिजिटल शिखर बैठक की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक ने बतौर आसियान प्रमुख की ईएएस के सभी सदस्य देश इसमें शामिल हुए।
इस दौरान 10 देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईएएस के महत्व को दोहराया और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनुपालना, क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान करने और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर जोर दिया।