अंबेडकर जयंती पर पहली बार मध्यप्रदेश में 154 तो इंदौर सेंट्रल जेल से 21 कैदी हुए रिहा, जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बाबा साहेब के संविधान निर्माण को किया याद

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इंदौर. इंदौर सेंट्रल जेल के 21 कैदियों को अंबेडकर जयंती के मौके पर रिहाई दी गई। बंदियों के अच्छे व्यवहार को देखते हुए इन सभी कैदियों को रिहाई देने का फैसला मध्यप्रदेश शासन से आया था। यह सभी कैदी सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे। जिन्हें शासन के आदेशानुसार आज रिहा कर दिया गया। ये पहली बार है की अंबेडकर जयंती के मौके पर कैदियों को सेंट्रल जेल से रिहाई मिली है। पहले साल में 2 बार 26 जनवरी एवं 15 अगस्त को ही कैदियों को रिहा किया जाता था लेकिन अब साल में 4 बार रिहाई दी जाएगी। जिसमें 2 अक्टूबर गांधी जयंती और 14 अप्रेल डॉ अम्बेडकर जयंती पर भी कैदियों को रिहा किया जाएगा।जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया की इनमें कई कैदी ऐसे भी है जो कई सालों से जेल में बंद है जो आजतक पैरोल पर भी बाहर नहीं गए है उनके लिए जेल से रिहाई नए जन्म की तरह है।

बाबा साहेब भिमराव अंबेडकर की जन्म जयंती के अवसर सेंट्रल जेल इंदौर में कैदियों की रिहाई के पहले एक आयोजन किया गया। जिसमें जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के जीवन और उनके द्वारा दिए गए संविधान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज जो हमें संवैधानिक अधिकार मिले हैं वह बाबा साहेब अंबेडकर की देन हैं। उन्होंने देश को संविधान देकर सबको बराबरी का हक दिया है। आयोजन में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद पहली बार शासन के आदेशानुसार इन बंदियों को पहली बार अंबेडकर जयंती पर कागजी कार्यवाही पूर्ण कर रिहा किया गया है।

इसी के साथ बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जयंती के अवसर पर राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश की विभिन्न जेलों से आजीवन कारावास से दंडित 154 बंदी को रिहा किया गया है। जिसमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इन दंडित बंदियों को मध्यप्रदेश शासन , जेल विभाग के आदेश के अंतर्गत सजा में छूट प्रदान की गई हैं। आजीवन कारावास से दंडित बंदियो में बलात्कार , पाक्सो आदि के प्रकरण में दंडित बंदियों को कोई भी माफी प्रदान नही की गई है। सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर के अनुसार मध्यप्रदेश शासन की तरफ से जारी आदेश पर अंबेडकर जयंती पर आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 21 कैदियों को रिहा किया गया। इन सभी की सजा लगभग पूरी होने को थी जिन कैदियों का व्यवहार अच्छा था उनकी सूची बनाकर भोपाल मुख्यालय भेजी गई वहाँ से स्वीकृति के बाद इन्हें रिहा किया गया है।

 

संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती के मौके पर जेल से उन कैदियों को रिहा किया गया है, जो कि धारा 302 के अंतर्गत अजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। रिहा किये गए बंदियो में कुछ बंदियो को जेल में आने के पहले पढ़ना लिखना भी नही आता था यहाँ आने के बाद इन्हें इन्हें शिक्षा दि गई इनमें से कुछ ने जेल में रह कर 10वी एवं 12वी की परीक्षा उतीर्ण की एवं साथ ही जेल में सजा काटते हुए टेलरिंग, कारपेटिंग, लौहारी, भवन मिस्त्री, भवन सामग्री निर्माण आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है जिससे वे रिहा होने के बाद जीवन जीने के लिए कुछ काम कर सके।इस मौके पर जेल उपअधीक्षक सुजीत खरे, उपअधीक्षक इंदर सिंह नागर, उपअधीक्षक संतोष लड़िया और अन्य अधिकारी मौजूद रहें।