असम-बिहार में बाढ़ से भयावह स्थिति, हिमाचल-यूपी में भारी बारिश का अलर्ट

Akanksha
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नई दिल्ली: असम और बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। बाढ़ से करीब 37 लाख लोग प्रभावित हुए है। असम के 33 जिलों में 27 लाख लोग प्रभावित है। यहां बाढ़ के चलते शुक्रवार को तीन और लोगों की मौत हो गई है। बारपेटा, कोकराझार और मोरिगांव से मौत के मामले सामने आए हैं। बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य में इस साल 122 लोगों की मौत हुई है।

इधर, बिहार में करीब दस लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। गंडक नदी का तटबंध तीन स्थानों पर टूट जाने से कई इलाके डूब गए। हालांकि किसी की मौत की सूचना नहीं मिली है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 10 जिलों में 74 प्रखंडों की 529 पंचायतों में 9.60 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

अरूणाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से कई जिलों का संपर्क कट गया और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। बारिश के बीच भूस्खलन से पश्चिम सियांग जिले में संपर्क कट गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से बात की और राज्य के प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट की। उन्होंने राष्ट्रपति भवन से असम, बिहार और उत्तरप्रदेश के बाढ़ और कोविड-19 से प्रभावित लोगों के लिए रेड क्रॉस की राहत सामग्री ले जा रहे नौ ट्रकों को रवाना किया।

मौसम विभाग ने बताया कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार में 26-28 जुलाई के बीच और पंजाब तथा हरियाणा में 27 से 29 जुलाई के बीच भारी बारिश का अनुमान है। बिहार में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और खगड़िया बाढ़ से प्रभावित है। मौसम विभाग ने कहा है कि सोमवार, मंगलवार और बुधवार को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में बारिश का अनुमान है।

अरूणाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और कई जिलों से सड़क संपर्क कट गया है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। पश्चिमी सियांग जिले के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी गिजुम ताली से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार लगातार वर्षा के कारण भूस्खलन होने से जिले के कई हिस्से का अहम सड़क संपर्क नष्ट हो गया है।

पूर्व सियांग में भारी बारिश से सियांग नदी में जलस्तर बढ़ गया और जिले के मेबा उपसंभाग में भारी मृदा अपरदन हुआ। मेबो में 400 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षरण का शिकार हो गई।