फरवरी महीने की शुरुआत हो चुकी हैं ऐसे में इस माह गुप्त नवरात्रि, जया एकादशी और षटतिला एकादशी जैसे कई प्रमुख व्रत और त्योहार आने वाले हैं। साथ ही इस महीने में बसंत पंचमी भी आने वाली है। बता दे, बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है।
इस दिन से ही वसंत ऋतु की शुरूआत होती है। मान्यता है कि इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है। साथ ही लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। वहीं इस साल की बात करें तो इस साल 16 फरवरी को बसंत पंचमी आ रही है। इस तिथि का विशेष महत्व इसलिए भी हो जाता है क्योंकि, ऋतुराज बसंत की शुरुआत इसी दिन से होती है।
पूजन की संपूर्ण विधि –
कहा जाता है बसंत पंचमी के दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं। बता दे, मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है जिसके पश्चात अगले दिन उसी प्रतिमा का पूरे विधि-विधान अनुसार विसर्जन कर दिया जाता है। इस दौरान पीला वस्त्र धारण करने, हल्दी से मां सरस्वती की पूजा करने और उस हल्दी का तिलक लगाने की भी परंपरा है। ऐसा करने से मां सरस्वती की अपार कृपा प्राप्त होती है।
पीले रंग का महत्व –
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी दिन से ठंड के मौसम का समापन हो जाता है और वसंत ऋतु का आगमन हो जाता हैं। इसके आगमन से ही वातावरण बेहद सुन्दर रूप धारण करने लगता है। इस दौरान नई-नई पत्तियां खिलने लगती है। साथ ही देश के कई राज्यों में सरसों की फसलों की वजह से भी, धरती का रंग पीला नजर आने लगता है।