वित्त मंत्री का बड़ा बयान, बोली- सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी बिक्री पर आगे बढ़ेगी

Akanksha
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nirmala sitaraman

नई दिल्ली। गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की उन कंपनियों के विनिवेश पर आगे बढ़ेगी, जिनकी बिक्री के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई) का प्रवाह अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं ऊंचा है, जो देश की मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, सुधारों की क्षमता को दर्शाता है। एक स्थिर सरकार भारतीय कंपनियों में दीर्घावधि का विदेशी निवेश लाने में मददगार होती है।

साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री आईसीसी) की वार्षिक आम सभा एजीएम) को संबोधित करते हुए कहा कि, ”महामारी के दौरान भी कुछ बड़ी कंपनियों के विनिवेश के हमारे प्रयास अच्छे से चल रहे हैं। रुचि पत्र ईओआई) आ चुके हैं, अगला चरण चल रहा है। इस वित्त वर्ष में भी यह हो सकता है।

बता दे कि, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.01 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से विनिवेश कार्यक्रम हाथ से फिसल गया है। इस वित्त वर्ष सरकार अब तक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर मात्र 11,006 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है। मंत्रिमंडल 25 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दे चका है। इन कंपनियों के प्रबंधन नियंत्रण का भी स्थानांतरण किया जाएगा। इन कंपनियों में एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, स्कूटर्स इंडिया, भारत अर्थ मूवर्स लि.बीईएमएल), शिपिंग कॉरपोरेशन, सीमेंट कॉरपोरेशन और सेल के कुछ इस्पात संयंत्र शामिल हैं।

सीतारमण ने कहा कि, सरकार ने महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यस्था को उबारने के लिए सरकार का कितना भी हस्तक्षेप पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि, सार्वजनिक खर्च जारी रहेगा विशेषरूप से बुनियादी ढांचे के मामले में। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो कर रियायतें दी हैं उसके चलते कई सॉवरेन कोष और पेंशन कोष राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन एनआईपी) की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश के इच्छुक हैं।