पारस चैनल की 11वीं वर्षगांठ पर फिल्म फेस्टिवल का आयोजन, रहेगा ये फिल्म चैलेंज

Ayushi
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इंदौर: जैसा कि सभी को ज्ञात है की पूरा विश्व विषम परिस्थितियों से जूझ रहा है. कोरोना महामारी के मुख्य कारक, प्रकृति के साथ छेड़छाड़, ग़लत दिनचर्या एवं अभक्ष खानपान उभर कर आए हैं. ऐसे समय में जैन दर्शन की जीवन जीने की कला वैज्ञानिक रूप से हमें सोचने को मजबूर करती है. जैन धर्म के छोटे छोटे सिद्धान्त जैसे रात्रि भोजन निषेध, स्वाध्याय, जमींकद का त्याग आदि एक समाधान के रूप में प्रस्तुत हो रहें हैं.

रँगशाला फ़िल्म प्रॉडक्शन की संचालिका साधना मादावत ने बताया कि “अब आवश्यक हो गया है कि हम जैनत्व में छिपी जीवन जीने की कला को समझे और उसके विभिन्न पहलुओं को विज्ञान के आधार पर समझते हुए, तर्क के आधार पर सभी के सामने लेकर आएं. सभी उपरोक्त विषयों से भलीभांति परिचित हैं हीअतः यह आज का विषय है और आज की जरुरत भी, इस सन्दर्भ में पारस चैनल द्वारा अपनी 11वीं वर्षगाँठ के सन्दर्भ में फ़िल्म निर्माण में रुचि रखने वाले फ़िल्म निर्माताओँ के लिए शॉर्टफ़िल्म चैलेंजे फ़िल्म फ़ेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है, ताकि युवा फ़िल्म निर्माताओं का मनोबल बढ़े. फ़िल्म की कहानी का आधार सकारात्मक होना चाहिए “

फ़िल्म के विषय –

1. महामारी (कोविड) और उसके परिणाम
2. नकारात्मकता से सकारात्मक ऊर्जा की ओर
3. जैन धर्म के वैज्ञानिक पक्ष
4. जिंदगी कोरोना के बाद की
5.संस्कार और वृद्धावस्था
6. धर्म और इंसानियत का समावेश
7. मानव धर्म सेवा

ज्यूरी द्वारा चयनित फ़िल्म्स का प्रसारण दिनाँक 24 जून-21 को पारस चैनल की 11वी वर्षगाँठ पर पारस चैनल के भव्य कार्यक्रम में किया जाएगा.