FIFA World Cup 2022 : रतलाम के सिद्धार्थ ने विश्व संगीत मंच पर छोड़ी अमिट छाप, कार्यक्रम के शुभारंभ के दौर में इस बैंड के साथ प्रस्तुति

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फीफा वर्ल्ड कप में मध्यप्रदेश के रतलाम के संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप ने कलाकरी से अमिट छाप छोड़कर अपने नगर का नाम रोशन कर दिया है। प्रस्तुति देने के बाद वह अपने नगर वापस लौट आए है। इसके बाद उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। इस दौरान वहा के विधायक चेतन्य काश्यप और नगर के महापौर प्रहलाद पटेल मौ़जूद रहें। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से संवाद किया और अपने अनुभव शेयर किए। इससे पूरा नगर अपने आप को गौरवांवित महशूश कर रहा है।

प्रेस वार्ता में साझा किए अनुभव

संगीतकार सिद्धार्थ ने प्रेस वार्त में कहा कि, फीफा के माध्यम से विश्व मंच पर प्रस्तुति देने का उनका सपना हुआ पूरा है और गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने यह प्रस्तुति म्यूजिशियन टीम के बैंड परफेक्ट अमल्गेशन के साथ दी थी। उनकी अगली प्रस्तुति दुबई और फिर लंदन में होगी, लेकिन इन आयोजनों के दौरान अन्य देशों के कलाकार भी साथ में प्रस्तुति देंगे। कतर में आयोजित फीफा वर्ल्ड का सबसे बड़ा और मुख्य स्टेडियम लुसेन है, जहां करीब 80 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। इसी स्टेडियम में हजारों दर्शकों के बीच बॉलीवुड संगीत समारोह के माध्यम से सबसे पहली प्रस्तुति ही काश्यप के बैंड के द्वारा दी गई।

उद्घाटन समारोह में लोगों आया पंसद

फीफा वर्ल्ड कप में उन्होंने अपनी टीम के साथ भारतीय एवं पाश्चात्य वाद्य यंत्रो के फ्युजन के साथ अभिनव प्रस्तुतियां दी थी। इसमें सितार, वायलीन, बांसुरी, ड्रम, गिटार, की-बोर्ड और विभिन्न परक्शन के इंस्टूमेंट जिनमें ढोल, बगल बच्चा आदि वाद्य यंत्रों का उपयोग किया गया, जिसे उद्घाटन समारोह में मौजूद लोगों ने खूब सराहा। यहां करीब सवा घंटे के दौरान 8 ट्रेक पर प्रस्तुति दी। इसमें मुख्य रूप से दो रही, जिसमें कतर एयरवेज और फीफा की थीम को भारतीय वाद्य यंत्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था। खास बात यह है कि टीम में जो दस सदस्य शामिल थे, उनमें से चारों मध्यप्रदेश और मालवा के रहे।

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मुंबई मेरी कर्म भूमि है और रतलाम जन्म भूमि

गौरतलब है कि, काश्यप ने हायर सेकंडरी तक की पढ़ाई रतलाम से की थी। उनकी रूचि बचपन से ही संगीत में रही है। इसके लिए उन्होंने संगीत में प्ररंभिक शिक्षा अशोक देसार से ली थी। उसके बाद अपने आप को और अच्छे ठंग से मजबूत करने के लिए वह मुमबई चले गए। उसके बाद उनके रोल मॉडल रहे लक्ष्मीकांत प्यारलालजी के साथ और बहुत कुछ सिखा। उनके बाद सिद्धार्थ ने सुप्रसिद्ध संगीतकार और भजन गायक रविंद्र जैन से भी संगीत की शिक्षा ली। इसलिए उनका मानना है कि मुंबई उनकी कर्म भूमि है और रलताम जन्म भूमि है।

वीडियो देख कर ही किया चयन

फीफा में बॉलीवुड संगीत समारोह के लिए चार परफार्मर का चयन हुआ था। उसमें तीन गायन के थे जबकि उनकी टीम के चयन का आधार भारतीय एवं पाश्चात्य वाद्य यंत्रो का फ्युजन रहा। फीफा में प्रस्तुति के चयन को लेकर उन्होने बताया कि मुंबई में उनके बैंड द्वारा एक प्रस्तुति दी गई थी, जिसके वीडियो फीफा के अधिकारियों ने देखे थे, जिन्हे देखते ही चयन किया गया और पहली ही प्रस्तुति पेश करने का सौभाग्य मिला। एसके म्यूजिक वर्क द्वारा अब तक 35 गाने यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज हो चुके है। वर्ल्ड कप में मैच की शुरूआत के साथ ही यहां आयोजित कार्यक्रम यू-ट्यूब और सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल सकेगी।