उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग थमने का नाम नही ले रही है। ये आग लगातार बढ़ती जा रही है। इतना ही नही आग से लोगों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी है। लपटें नैनीताल के रिहाइशी इलाके हाई कोर्ट कॉलोनी और आर्मी एरिया के नजदीक तक पहुंच गईं और हल्द्वानी के साथ कोटद्वार तक बढ़ती जा रही थीं।
हालांकि आग को देखत हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेना की मदद मांगी। वायुसेना के डप्-17 हेलिकॉप्टर को आग बुझाने में लगाया गया। वहीं लोगों का कहना है कि जैसी आग इस बार दिखी है, वैसी पहले कभी नहीं देखी गई।
क्यों भड़की आग?
लंबे समय से बारिश नहीं होने और मौसम शुष्क रहने से जंगल की घासफूस और सूखी झाड़ियां आग के लिए ईंधन की तरह हैं। चीड़ जंगल इसमें पेट्रोल का काम कर रहे हैं। यों तो नैनीताल में चार दिनों से जंगलों में आग लगी हुई थी, लेकिन हवाएं तेज चलने से ये और भड़क गई।
जंगलों में 15 फरवरी से अब तक 76 घटनाएं हुई है। इसमें करीब 91 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा। इसमें भी सर्वाधिक घटना नैनीताल वन प्रभाग में हुई है। इस प्रभाग में संबंधित अवधि में 28 वनाग्नि की घटना हुई है। इसके अलावा पिथौरागढ़ जनपद में 69, बागेश्वर में 11, चंपावत में 37, अल्मोड़ा 43 और ऊधम सिंह नगर में 41 घटनाएं हुई हैं।
तीन गिरफ्तार
मुख्यमंत्री धामी ने जंगल की आग से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। आग लगाने वालों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। रुद्रप्रयाग में शुक्रवार को तीन लोगों को जंगल में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।