राजस्थान के लोगों के ट्रैवल ट्रेंड में इस साल बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां पहले पहाड़ों की बर्फीली वादियां और गोवा के बीचेस सबसे ऊपर हुआ करते थे, अब ट्रेंड कुछ अलग और दिलचस्प हो गया है. ट्रैवल एजेंसियों और ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान के पर्यटकों की प्राथमिकताएं अब तेजी से बदल रही हैं और ये बदलाव केवल डेस्टिनेशन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ट्रैवल स्टाइल और एक्सपीरियंस तक फैले हुए हैं. तो आखिर इस साल कौन सी जगहें बनीं हैं राजस्थानियों की सबसे पसंदीदा ट्रैवल डेस्टिनेशन?
ऑफबीट डेस्टिनेशन की ओर झुकाव
राजस्थान के युवा अब ट्रेंडिंग या भीड़भाड़ वाली जगहों से हटकर शांति, प्रकृति और अनुभव आधारित ट्रैवल को ज़्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं.
ऋषिकेश, पचमढ़ी, वर्कला, कुर्ग और गंगटोक जैसे शांत और प्रकृति से जुड़े गंतव्य इन दिनों सबसे ज्यादा बुक किए जा रहे हैं.
ये हैं 2025 की टॉप 5 पसंदीदा ट्रैवल डेस्टिनेशन
ऋषिकेश (उत्तराखंड) – योग, रिवर राफ्टिंग और गंगा आरती का अद्भुत संगम.
वर्कला (केरल) – समुद्र किनारे ध्यान और रिलैक्सेशन का परफेक्ट कॉम्बिनेशन.
कुर्ग (कर्नाटक) – कॉफी की खुशबू, हरियाली और सुकून भरा मौसम.
गंगटोक (सिक्किम) – पूर्वोत्तर की शांति और संस्कृति का मिलन बिंदु.
पचमढ़ी (मध्यप्रदेश) – मध्य भारत का छुपा हुआ प्राकृतिक रत्न.
इंटरनेशनल ट्रैवल का भी बढ़ा क्रेज
इस साल राजस्थान के यात्रियों में थाईलैंड, नेपाल, और श्रीलंका जैसे नजदीकी देशों के प्रति भी रुझान बढ़ा है, खासकर उन लोगों में जो बजट में विदेशी यात्रा करना चाहते हैं.
ट्रैवल में बदल रही हैं ये आदतें भी
सिर्फ डेस्टिनेशन ही नहीं, राजस्थान के यात्रियों की यात्रा करने का तरीका भी अब पूरी तरह बदल रहा है। आधुनिक तकनीक, सोशल मीडिया, और जीवनशैली में आए बदलावों का असर ट्रैवल बिहेवियर पर साफ़ नजर आ रहा है। आइए जानते हैं क्या-क्या बदल रहा है:
होमस्टे और लोकल स्टे को मिल रही प्राथमिकता
पारंपरिक होटलों की जगह अब लोग होमस्टे, बुटीक रिसॉर्ट्स और लोकल एक्सपीरियंस को तरजीह दे रहे हैं. इससे न केवल बजट ट्रैवल आसान हुआ है, बल्कि स्थानीय संस्कृति से जुड़ाव भी बढ़ा है.
सोलो ट्रैवल का क्रेज
खासतौर पर युवा वर्ग में सोलो ट्रैवल का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. आत्म-खोज, स्वतंत्रता और डिजिटल नॉमेड लाइफस्टाइल के चलते अब लोग अकेले यात्रा करने को भी उतना ही रोमांचक मानते हैं.
वेलनेस और माइंडफुल ट्रैवल की ओर रुझान
महामारी के बाद से लोगों ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है. अब यात्राएं केवल मौज-मस्ती के लिए नहीं, बल्कि योगा रिट्रीट्स, मेडिटेशन कैंप्स, और नेचर थेरेपी के लिए भी की जा रही हैं.
वर्केशन का बढ़ता चलन
वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने वर्क + वेकेशन यानी वर्केशन को जन्म दिया है. लोग अब ऐसे ट्रैवल डेस्टिनेशन चुनते हैं जहां से वे ऑनलाइन काम भी कर सकें और साथ ही सुकून भी पा सकें.
स्थायी ट्रैवल को मिल रहा समर्थन
पर्यावरण के प्रति जागरूकता के चलते अब पर्यटक इको-फ्रेंडली स्टे, कम कार्बन ट्रैवल, और लोकल फूड जैसे सस्टेनेबल ऑप्शंस को ज़्यादा पसंद कर रहे हैं.
रील्स और रिव्यूज़ से हो रहा ट्रैवल प्लानिंग का फैसला
आजकल लोग ट्रैवल एजेंट की जगह इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब व्लॉग्स और गूगल रिव्यूज़ के आधार पर अपनी ट्रिप प्लान कर रहे हैं.