शंभू बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन में आज एक और बड़े कदम की तैयारी है। किसान अपनी लंबित मांगों को लेकर आज दिल्ली कूच करने वाले हैं, और इसके मद्देनज़र, प्रशासन ने शंभू बॉर्डर और आसपास के 12 गांवों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। इस कदम को देखते हुए किसानों का गुस्सा भी सड़कों पर दिखाई दे रहा है।
किसान नेताओं ने जानकारी दी कि आज 12 बजे, 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर बढ़ेगा। यह कोई पहली बार नहीं है जब किसान दिल्ली की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले भी वे दो बार दिल्ली कूच करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें हरियाणा पुलिस ने रास्ते में रोक लिया था।
जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर
किसान नेता सरवन सिंह पढेर ने बताया कि आंदोलन को 306 दिन हो चुके हैं, और इस दौरान जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को 18 दिन हो गए हैं। उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है, और यह स्थिति आंदोलन के नेताओं के लिए और भी चुनौतीपूर्ण बन गई है।
डिजिटल इमरजेंसी की तैयारी?
पढेर ने आरोप लगाया कि सरकार डिजिटल इमरजेंसी लगाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर और आसपास के इलाकों में इंटरनेट की सेवा बंद कर दी गई है और उनके सोशल मीडिया पेजों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इसे किसानों की आवाज दबाने की कोशिश बताया और कहा कि सरकार के ऐसे कदमों से उसकी नापाक नीयत साफ हो रही है।
किसान आंदोलन और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
किसान नेता ने सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी। पढेर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सही बात की है कि सरकार को किसानों से सीधी बातचीत करनी चाहिए और उन्हें बल प्रयोग से बचना चाहिए। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अपने बयान देंगे, लेकिन अब यह देखना होगा कि सरकार इन टिप्पणियों पर क्या कदम उठाती है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
कल सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई हुई थी। कोर्ट में इस बात पर विचार किया गया कि क्या आंदोलन को समाप्त करने के लिए कोई आदेश जारी किया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि वह कोई ऐसा आदेश नहीं देगा, जिससे किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन प्रभावित हो।
किसान नेता पढेर ने यह भी कहा कि उनका संदेश अब देश के हर गांव तक पहुंच चुका है, और यही कारण है कि सरकार बिलकुल बौखलाई हुई है। उन्होंने बताया कि जब भी किसान दिल्ली की ओर बढ़ते हैं, तो उन्हें रोकने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया जाता है, जिससे सरकार का चेहरा उजागर हो रहा है।