देश में लगातार पिछले 28 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन लेकिन इसका किसी प्रकार का कोई समाधान निकलते हुए नहीं दिख रहा है। आज किसान संगठन केंद्र सरकार से भेजी गई चिट्ठी पर आगे बातचीत करने का फैसला लेंगे। बीते दिन हुई बैठक में किसी प्रकार का निर्णय नहीं होने के कारण आज एक फिर बैठक का आयोजन किया गया है। आज किसान संगठनों की बैठक एक बार फिर सिंधु बॉर्डर पर 11 बजे से शुरू होगी, और केंद्र सरकार की चिट्ठी पर फैसला लिया जाएगा।
आगे की रणनीति
आज 23 दिसंबर के दिन को किसान दिवस के रूप में बनाते है। किसान संगठन के हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा की, आज के दिन किसान एक टाइम खाना नई खाएंगे। आने वाली 26 और 27 दिसंबर वाले दिन किसान लोग दूतावासों के बहार प्रदर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का 27 तारीख़ को होने वाले मन की बात कार्यक्रम का विरोध हम थालियां बजाकर करंगे।
मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले किसान नेता
मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह पंढेर कहा कि, केंद्र ने कृषि कानूनों के बारे में अपनी स्थिति तय की है। उन्होंने बतया की केंद्र ने कहा है की कानून वापस नहीं लिया जाएगा। सरकार की ओर से एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यदि किसान इन कानूनों में संशोधन चाहते हैं, तो उन्हें चर्चा के लिए तारीख और समय प्रदान करना होगा।