कोलकाता: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले साल सितंबर माह से देश के किसान दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे है। देश के किसान सरकार के इन नए कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे है, किसानों ने इस कानून को किसान विरोधी बताया है, जबकि सरकार इस कानून को किसानों के लिए सौगात के रूप में लाने की बात कर रही है। इस मुद्दे को चलते हुए बहुत समय हो गया है लेकिन फिर भी इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है। सरकार और किसानों के मध्य इसे लेकर कई बैठक भी संपन्न हुई जोकि निरर्थ निकली थी।
कृषि कानून के इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध के लिए किसानों ने भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनावों में घेरने की तैयारी की है। इस मुद्दे को लेकर विभिन्न किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने आज सबसे ज्यादा सक्रिय पश्चिम बंगाल के किसानों और अन्य लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने का अनुरोध किया।
कृषि कानून के विरोध में किसानों ने लोगो से बीजेपी को वोट न देने की अपील करते हुए कहा कि -“चुनावी हार केंद्र की भाजपा सरकार को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करेगी”
साथ ही इस एलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं या लोगों से यह नहीं कर रहे हैं वे किसे वोट दें, लेकिन हमारी एकमात्र अपील है कि भाजपा को सबक सिखाया जाए।’
SKM ने जारी किया पत्र-
भाजपा के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने एक पत्र भी जारी किया है जिसमे राज्य के किसानों से भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह करते हुए लिखा है कि “चुनाव में हार से केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर होगी।” साथ ही इस बार किसान अपने आंदोलन के तरीके को बदलते हुए अब उन पांच राज्यों की तरफ रुख करेंगे जहां चुनाव संपन्न होने है।