नई दिल्ली। शुक्रवार को कांग्रेस ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया अभियान चलाया। इस अभियान के अंतर्गत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लोगों से किसान आंदोलन के पक्ष में आवाज बुलंद करने की अपील की।
वही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘किसान के लिए भारत बोले’ अभियान के तहत वीडियो जारी कर कहा कि, ”शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है। हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है। आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी कानून खत्म हों।”
साथ ही कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि, ”इस कंपकपाती ठंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप में किसान 42 दिनों से दिल्ली के निकट आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही। इस सरकार के लिये लोकतंत्र के अंदर जनता की आवाज का कोई मूल्य नहीं है।”
शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है। हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है।
आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि-विरोधी क़ानून ख़त्म हों।#किसान_के_लिए_बोले_भारत pic.twitter.com/fT7ujHPg3g
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2021
उल्लेखनीय है कि, किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को नए दौर की बातचीत जारी है। किसान संगठनों की मांग है कि, तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। जिसके लिए हजारों किसान दिल्ली बॉर्डरों पर पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। वही सरकार का कहना है कि, ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं।