किसान नेताओं ने ठुकराया सरकार का कृषि कानूनों पर अस्थाई रोक का प्रस्ताव

Shivani Rathore
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नई दिल्ली :  किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत आखिरकार आज समाप्त हुई। परन्तु हर बार की तरह इस बार भी बातचीत बेनतीजा ही रही, सरकार ने इस बैठक में अपनी तरफ से एक प्रस्ताव दिया जिसे किसानों ने नामंजूर कर दिया। आज की बैठक में सरकार ने अपनी तरफ से साफ कर दिया कि, केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, लेकिन इसके साथ सरकार ने किसानों को कानूनों पर अस्थायी रोक लगाने की बात कही।

बता दें कि यह एक साल तक के लिए सरकार की तरफ प्रस्ताव दिया गया, जिसे किसानों की तरफ से नामंजूर कर दिया गया। इस बैठक में सरकार की तरफ से एक बार फिर किसानों को तीनों बिलों के फायदे बताएं गए और कहा कि देश के अन्य राज्यों के किसान इन बिलों का समर्थन कर रहे हैं। यह बिल उनके हित के लिए हैं। सरकार ने कहा कि, अगर आप लोग इस कानून में कोई संशोधन चाहते हैं तो हम संशोधन करने के लिए तैयार हैं।

इसके बाद किसानों की तरफ से शब्दों में कहा गया कि, हम इस बिल में किसी तरह का संशोधन नहीं चाहते, बल्कि इसे वापस लिया जाएगा। किसानों ने कहा कि, कानूनों को वापस लेने से कम हमको मंजूर नहीं है। वहीं किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पिछले बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि आपने कई बार संसद में और बाहर भी ये कहा है कि कृषि स्टेट सब्जेक्ट है तो आप लोग इसमें क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं।