अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए नए कृषि कानून का समर्थन किया है। IMF ने नए कानून की तारीफ करते हुए कहा है कि यह भविष्य में कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। यह बात IMF की एक प्रवक्ता गैरी राइस ने अपने बयान में कहीं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कि इस कानून का असर जिन लोगों पर पड़ेगा उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने की भी जरूरत है।
आपको बता दे कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर उनसे सवाल किया गया था। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि, ‘हमारा मानना है कि भारत में कृषि सुधारों के लिए ये कानून महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसान सीधे विक्रेता के साथ करार कर पाएंगे। इससे बिचौलिए की भूमिका भी खत्म होगी। साथ ही इससे गांवों के विकास में भी मदद मिलेगी। हालांकि ये जरूरी है कि उन लोगों को सामाजिक सुरक्षा मिले जिन पर इस नए कानून का असर पड़ेगा।’
सरकार के साथ हो रही बातचीत
वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार किसान संगठन और सरकार की बैठक शुरू हो गई है। लेकिन इससे पूर्व में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे सरकार के साथ नौवें दौर की वार्ता से उन्होंने ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि किसान अब बिना कानून वापस लिए नहीं मानेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार और किसान संघों आज की इस मुद्दे को लेकर अंतिम बैठक हो सकती है, क्योंकि कृषि कानूनों के विवाद को खत्म करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा 19 जनवरी को पहली बैठक होने की संभावना है।